देश की सेवा में शहीद सूबेदार बिश्नोई की पार्थिव देह Jodhpur पहुंची, पूरे राष्ट्रीय सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई

जोधपुर न्यूज़ डेस्क- असम के दार्जिलिंग पोस्ट पर तैनात जोधपुर के सूबेदार सुखराम बिश्नोई ढाका (48) का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। 18,500 फीट की ऊंचाई पर उन्हें अचानक सीने में दर्द की शिकायत हुई। वहां से उन्हें नीचे लाया गया और रविवार (10 मार्च) को उपचार के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। बुधवार सुबह उनका पार्थिव शरीर दिल्ली से जोधपुर पहुंचा, जिसके बाद सैन्य वाहन से उनके पैतृक गांव जाजीवाल विश्नोइयां (धोरा) ले जाया गया। इस दौरान जहां-जहां से सैन्य वाहन गुजरा, लोगों ने नम आंखों से उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस दौरान क्षेत्र के लोगों ने बनाड़ समेत कई अन्य स्थानों पर पुष्प वर्षा कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
यरपोर्ट से बनाड़ होते हुए जाजीवाल धोरा तक के मार्ग पर सड़क के दोनों ओर लोग शहीद के अंतिम दर्शन के लिए खड़े नजर आए। सुबह करीब 11:15 बजे उनका पार्थिव शरीर जाजीवाल धोरा पहुंचा। यहां भी बड़ी संख्या में लोग देश के लिए कुर्बान हुए सुखराम बिश्नोई की अंतिम यात्रा में शामिल हुए।
सेना की ओर से दी जाएगी मदद
भारतीय सेना जयपुर के प्रवक्ता कर्नल अमिताभ शर्मा ने बताया- सूबेदार सुखराम बिश्नोई ने देश की सेवा में अपने प्राणों की आहुति दी है। सेना ने उन्हें पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी है। उन्होंने अपना सैन्य कर्तव्य निभाते हुए अपने प्राणों की आहुति दी है। उन्हें पूरा सैन्य सम्मान दिया जाएगा और परिवार को सेना की ओर से तय की गई सभी सहायता दी जाएगी।
दार्जिलिंग पोस्ट पर थे तैनात
जानकारी के अनुसार, सूबेदार बिश्नोई असम में सेना की 150 फील्ड रेजिमेंट में 18,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित दार्जिलिंग पोस्ट पर तैनात थे। वहां अचानक सीने में दर्द महसूस होने पर उन्हें तुरंत नीचे लाया गया। लेकिन, दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई। इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को पहले 327 फील्ड अस्पताल, छुंगटांग में रखा गया। वहां से मंगलवार को 158 बेस अस्पताल बागडोगरा से पार्थिव शरीर दिल्ली पहुंचा। बुधवार सुबह उनका पार्थिव शरीर जोधपुर लाया गया। यहां सेना के वाहन से पार्थिव शरीर को बनार होते हुए जाजीवाल ले जाया गया।