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भारत का ऐसा रहस्यमयी गांव जहां रात में नहीं रुकता कोई सुनार! 200 सालों से किसी ने नहीं बनाया 2 मंजिला मकान, जाने इसका रहस्य

 
भारत का ऐसा रहस्यमयी गांव जहां रात में नहीं रुकता कोई सुनार! 200 सालों से किसी ने नहीं बनाया 2 मंजिला मकान, जाने इसका रहस्य 

विज्ञान के क्षेत्र में दुनिया ने कितनी ही तरक्की कर ली हो, लेकिन जोधपुर में एक ऐसा गांव है, जहां 200 साल पहले बैरागी हरिराम महाराज द्वारा कही गई बातों का आज भी पालन किया जाता है। जोधपुर से करीब 20 किलोमीटर दूर जोधपुर बाड़मेर हाईवे के पास डोली गांव में लोग न तो दो मंजिला मकान बनाते हैं, न ही गांव में रात को सुनार रुकते हैं और न ही इस गांव में कोई तेल मिल है। इसके अलावा अगर किसी के घर में आग लग जाए तो आग आगे नहीं फैलती। कहा जाता है कि राजा-महाराजाओं के समय में यहां के राजा के नाम से मशहूर कविराज मुरारी लाल जी चारण को जोधपुर नरेश ने 12 गांव दिए थे। इनमें यह डोली गांव भी शामिल था। कवि मुरारी लाल ने बैरागी महाराज से गांव में करणी माता का मंदिर बनवाने को कहा।

क्या है इस मान्यता के पीछे की वजह

गांव वालों ने बताया कि 200 साल पहले हरिराम बैरागी महाराज इस गांव में तपस्या करते थे। अपनी तपस्या के समय उन्होंने एक सूखी लकड़ी लगाई थी, जो आज भी गांव में खेजड़ी के पेड़ के रूप में मौजूद है। उन्होंने गांव वालों को कच्चे दूध और सूखे नारियल की ज्योति जलाकर गांव के चारों ओर घेरा बनाने और आरती करने की सलाह दी थी। मान्यता है कि ऐसा करने से गांव में कोई संकट नहीं आया। कोरोना महामारी के समय भी इस गांव में कोई विपत्ति नहीं आई। उस समय संत ने जिस स्थान पर लकड़ी लगाई थी, वहां एक बड़ा खेजड़ी का पेड़ उग आया। पूरे गांव में संत के प्रति आस्था के कारण कोई भी दो मंजिला मकान नहीं बनवाता।

दो मंजिला मकान तो बने लेकिन मुसीबत आ गई
इसके बाद गांव में सिर्फ एक मंजिला मकान ही बनते हैं। कहा जाता है कि कुछ लोगों ने पौराणिक मान्यताओं को नहीं माना और गांव में दो मंजिला मकान बनवा लिए। लेकिन वे उस मकान में रह नहीं पाए। किसी को अलग-अलग आवाजें सुनाई देने लगीं तो किसी के परिवार में असामयिक मौतें होने लगीं। कहीं किसी के परिवार में सभी लोग बीमारी से ग्रसित हो गए।