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ओम्बड्समैन की नियुक्ति के बाद याचिका का औचित्य समाप्त, हाईकोर्ट ने श्रीगंगानगर क्रिकेट संघ की याचिका निस्तारित

 
ओम्बड्समैन की नियुक्ति के बाद याचिका का औचित्य समाप्त, हाईकोर्ट ने श्रीगंगानगर क्रिकेट संघ की याचिका निस्तारित

राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर पीठ ने शुक्रवार को श्रीगंगानगर जिला क्रिकेट एसोसिएशन (SDCA) की ओर से दायर रिट याचिका को निस्तारित कर दिया है। यह याचिका राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (RCA) से जुड़े प्रशासनिक मुद्दे और ओम्बड्समैन (लोकपाल) की नियुक्ति को लेकर दायर की गई थी।

सुनवाई के दौरान आरसीए की ओर से अदालत को अवगत कराया गया कि अब RCA में ओम्बड्समैन की नियुक्ति कर दी गई है, जिसके चलते याचिका का आधार और औचित्य दोनों समाप्त हो चुके हैं। इस पर अदालत ने याचिका को निस्तारित कर दिया।

क्या था मामला?
श्रीगंगानगर जिला क्रिकेट एसोसिएशन और RCA के बीच कुछ प्रशासनिक व कानूनी विवाद लंबे समय से चल रहे थे। जिला संघ की ओर से आरोप लगाया गया था कि RCA के कार्यों में पारदर्शिता की कमी है और विवादों को निपटाने के लिए ओम्बड्समैन की नियुक्ति आवश्यक है। इसी मुद्दे पर उन्होंने हाईकोर्ट में रिट दायर की थी।

भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (BCCI) द्वारा निर्धारित नए संविधान के तहत राज्य और जिला क्रिकेट संघों में ओम्बड्समैन की नियुक्ति अनिवार्य है, ताकि किसी भी प्रकार के विवादों का निष्पक्ष समाधान किया जा सके।

हाईकोर्ट में हुई सुनवाई
सुनवाई के दौरान RCA के अधिवक्ताओं ने अदालत को बताया कि हाल ही में संगठन में नए ओम्बड्समैन की नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और वे कार्यभार संभाल चुके हैं। इसलिए अब याचिका सुनवाई योग्य नहीं रह गई है।

अदालत ने पक्षों की दलील सुनने के बाद स्पष्ट किया कि जब मुद्दा जिसका समाधान मांगा गया था, वह स्वयं ही हल हो चुका है, तब न्यायालय के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं रहती। इस आधार पर याचिका को निस्तारित कर दिया गया।

खेल जगत में चर्चा
इस निर्णय के बाद RCA और जिला क्रिकेट संघों के बीच कानूनी विवादों के कम होने की उम्मीद जताई जा रही है। खेल विशेषज्ञों का मानना है कि ओम्बड्समैन की सक्रिय भूमिका से क्रिकेट प्रबंधन में जवाबदेही और अनुशासन बढ़ेगा। साथ ही खिलाड़ियों के हित में लिए जाने वाले फैसलों में तेजी आएगी।

श्रीगंगानगर जिला क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से कहा गया कि वे आगे भी पारदर्शिता और क्रिकेट के विकास से जुड़े मुद्दों को उठाते रहेंगे, लेकिन अब मामले का समाधान RCA के ही दायरे में किया जाएगा।