हनवंत गार्डन के सामने फायरिंग मामले में शूटर गिरफ्तार, वायरल वीडियो में जाने धरपकड़ की पूरी कहानी
जोधपुर शहर के पावटा बी रोड पर स्थित हनवंत गार्डन के बाहर 10 मार्च की देर रात फायरिंग कर कार सवार युवक को जान से मारने की कोशिश करने के मामले में पुलिस ने शूटर डेविल वर्गी को गिरफ्तार कर लिया है।वहीं, इस वारदात का मुख्य सूत्रधार छात्रनेता जेठूसिंह पुलिस की पकड़ से दूर फिलहाल दुबई में होना बताया जा रहा है।
जोधपुर न्यूज़ डेस्क - शहर के पावटा बी रोड स्थित हनवंत गार्डन के बाहर 10 मार्च की देर रात को कार में जा रहे युवक पर फायरिंग कर जान से मारने की कोशिश के मामले में पुलिस ने शूटर डेविल वरगी को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं इस वारदात का मुख्य मास्टरमाइंड छात्र नेता जेठू सिंह फिलहाल दुबई में पुलिस की पकड़ से दूर बताया जा रहा है। वहीं पुलिस ने इस मामले में अब तक कुल तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि एक नाबालिग को संरक्षण में लिया है।
हालांकि शूटर को गिरफ्तार करने के दावे से इतर चर्चा यह भी है कि पुलिस के लगातार दबाव के चलते आरोपी ने सरेंडर कर दिया है, लेकिन पुलिस दावा कर रही है कि वह नागौर में छिपा हुआ है और वहीं से पकड़ा गया है। गौरतलब है कि 10 मार्च की देर रात को हनवंत गार्डन के सामने कार में जा रहे दिगंबर सिंह पर दो बदमाशों ने फायरिंग कर दी थी। इस मामले में पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज व अन्य स्तर पर जांच कर फायरिंग करने वालों की पहचान कर ली थी। इस मामले में पुलिस ने राकेश राणा और नवनीत को गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया और पूछताछ के बाद दोनों को जेल भेज दिया। जबकि एक नाबालिग को संरक्षण में लिया, जिसे किशोर न्यायालय में पेश कर बाल सुधार गृह भेज दिया गया।
हत्या के लिए लाखों रुपए का सौदा
पुलिस सूत्रों के अनुसार आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि दिगंबर सिंह की हत्या की सुपारी देने के लिए देवेंद्र सिंह उर्फ भामसा के जरिए लाखों रुपए का सौदा हुआ था। उसके अलावा जेठू सिंह के एक अन्य करीबी का नाम भी सामने आया। फायरिंग के बाद दोनों आरोपियों को भागने में किसी तीसरे व्यक्ति ने मदद की। बुधवार को पुलिस ने पृथ्वीपुरा निवासी डेविल वरगी (25) को गिरफ्तार किया। पूछताछ में पता चला कि फायरिंग के बाद वह पहले हरिद्वार पहुंचा और वहां से बस से नागौर होते हुए गंगानगर पहुंचा।
जेठू सिंह ने भागने से एक महीने पहले ही अपना पासपोर्ट बनवाया था!
पुलिस सूत्रों के अनुसार इस मामले की जांच में पता चला कि दिगंबर की हत्या की साजिश काफी समय से रची जा रही थी। इसका मुख्य सरगना जेठू सिंह था और वह खुद भी पूर्व नियोजित साजिश के तहत दुबई भागने की योजना बना चुका था। इसीलिए उसने करीब एक माह पहले ही अपना पासपोर्ट बनवाया था और जरूरी पुलिस सत्यापन में किसी तरह की परेशानी से बचने के लिए उसने जोधपुर की बजाय दूसरे जिले से अपना पासपोर्ट बनवाया था। ऐसे में पुलिस अब पासपोर्ट कार्यालय से उसका रिकॉर्ड निकलवाने का प्रयास कर रही है, ताकि उसका सत्यापन और उसके खिलाफ विभिन्न थानों में दर्ज करीब एक दर्जन मामलों की जानकारी छिपाने से जुड़े शपथ पत्र आदि मिल सकें।
