कचरे से हर महीने 22 लाख 68 हजार रुपए की आय, जानें कैसे मालामाल कर देगी राजस्थान सरकार की यह नई योजना ?
राजस्थान के जोधपुर के केरू में कचरे से बिजली बनाने के लिए लगाए जाने वाले प्लांट के लिए पर्यावरण एनओसी जारी होने के बाद नगर निगम अब वायुसेना की दक्षिण पश्चिमी वायु कमान (एसडब्ल्यूएसी) की अनुमति का इंतजार कर रहा है।हालांकि इस प्रोजेक्ट पर शुरुआती तौर पर काम शुरू हो गया था, लेकिन अब एसडब्ल्यूएसी की अनुमति के बिना यहां काम शुरू नहीं हो सकेगा। जबकि नगर निगम ने एसडब्ल्यूएसी से अनुमति लेने के लिए सभी प्रक्रियाएं पिछले साल नवंबर में पूरी कर ली थीं, लेकिन चार महीने बाद भी एनओसी जारी नहीं हो पाई है। इसके चलते यह प्रोजेक्ट अटका हुआ है। एक तरफ नगर निगम की इस महत्वाकांक्षी योजना से शहर कचरा मुक्त होने की दिशा में आगे बढ़ेगा।
निगम की आय में होगी बढ़ोतरी
निगम की योजना इस प्लांट में रोजाना 600 टन कचरे की खपत कर 6 मेगावाट बिजली बनाने की है। निगम ने 100 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट को बीओटी के आधार पर जिंदल अर्बन वेस्ट मैनेजमेंट लिमिटेड फर्म को सौंप दिया है। प्रत्येक टन कचरे के लिए 126 रुपये का भुगतान किया जाएगा। इससे निगम को हर महीने करीब 22 लाख 68 हजार रुपये की आय होगी। करीब एक साल बाद प्लांट से बिजली बनाकर डिस्कॉम को देने का काम शुरू कर दिया जाएगा।
पर्यावरण एनओसी
निगम आयुक्त सिद्धार्थ पलानीचामी ने बताया कि कचरे से बिजली बनाने के प्रोजेक्ट के लिए 8 अप्रैल को ईसी यानी पर्यावरण मंजूरी जारी कर दी गई है। अब जैसे ही निगम को वायुसेना से अनुमति मिल जाएगी, इस प्रोजेक्ट के तहत काम शुरू कर दिया जाएगा।
केरू में प्रोजेक्ट
शहर से हर दिन 600 टन कचरा निकलता है।
केरू में 100 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है।
निगम को हर महीने 22 लाख 68 हजार की आय होगी।
हर महीने कचरे से 06 मेगावाट बिजली बनाई जाएगी।
ठेका फर्म निगम को 126 रुपये प्रति टन के हिसाब से भुगतान करेगी।
