Jodhpur से 30KM दूर स्थित इस गांव में 200 सालों से खौफ के साए में जी रहे लोग, आजतक किसी ने नहीं बनाया 1 मजिल से ज्यादा मकान
जोधपुर न्यूज़ डेस्क - जहां हर जगह गगनचुंबी इमारतें आम बात हैं, वहीं जोधपुर से 30 किलोमीटर दूर एक ऐसा अनोखा गांव है, जहां एक भी घर एक मंजिल से ऊपर नहीं है। इसके साथ ही प्रचलित मान्यता के चलते ग्रामीण आज भी 200 साल पहले कही गई संत की बातों का पालन कर रहे हैं। आज भी ग्रामीण दो मंजिला मकान नहीं बनाते हैं। साथ ही कई ऐसे समुदाय और जाति के लोग हैं, जिन्हें इस गांव में रहने की इजाजत नहीं है। आधुनिक युग और विज्ञान के युग में आज भी एक ऐसा गांव है, जहां आस्था विज्ञान पर भारी पड़ती है। यह कहानी है जोधपुर से करीब 35 किलोमीटर दूर जोधपुर-बाड़मेर हाईवे के पास डोली गांव की, जहां गांव में रहने वाले लोग आज भी दो मंजिला मकान नहीं बनाते और न ही ज्वैलरी का कारोबार करने वाले जौहरी रात में इस गांव में रुकते हैं।
इतना ही नहीं इस गांव में कच्चा तेल निकालने के लिए कोई तेल मिल भी नहीं है। यह कहानी करीब 200 साल पुरानी है, जिसका लोग आज भी उसी आस्था के साथ पालन कर रहे हैं। 200 साल पहले इस गांव में हरिराम बैरागी महाराज तपस्या किया करते थे। अपनी तपस्या के समय उन्होंने एक सूखी लकड़ी लगाई थी जो आज भी गांव में खेजड़ी के पेड़ के रूप में मौजूद है। राजाओं-महाराजाओं के समय में यहां के राजा के नाम से प्रसिद्ध कविराज मुरारी लाल जी चारण को जोधपुर नरेश ने 12 गांव दिए थे, जिसमें डोली गांव भी शामिल था। डोली गांव में हरिराम जी महाराज तपस्या करते थे। कवि मुरारी लाल ने कहा कि वे करणी माता (जिनका मूल मंदिर देशनोक में है) में आस्था रखते हैं और यहां माता का मंदिर बनवाना चाहते हैं, लेकिन हरिराम जी महाराज ने मंदिर बनवाने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि मैंने देवी का त्याग कर दिया है। महाराज तीर्थ यात्रा पर चले गए। बाद में कविराज ने करणी माता का मंदिर बनवाया और मूर्ति स्थापित की।
एक किवदंती है और लोग बताते हैं कि जब महाराज वापस आए और पूछा कि तुमने यह मंदिर क्यों बनवाया तो उन्होंने कहा कि वे मेरी इष्ट देवी हैं और मैं उन्हें प्रतिदिन मीठा प्रसाद चढ़ाऊंगा। महाराज क्रोधित हो गए और कहा कि तुम्हारे बाद तुम्हें पानी देने वाला कोई नहीं रहेगा। महाराज की फटकार के बाद कविराज के घर में हंसी नहीं गूंजी और उनका वंश खत्म हो गया. आज तक 12 गांवों के जागीरदार की सुध लेने वाला कोई नहीं आया. आज सभी हवेलियां सरकार के अधीन हैं. महाराज के वचन के बाद गांव वालों में दहशत का माहौल बन गया और तब से लेकर आज तक गांव वाले महाराज के वचन का पालन कर रहे हैं. यही वजह है कि आज भी डॉली गांव में एक मंजिला मकान ही बने हैं. गांव वालों ने कहा कि हम आज भी गांव में परंपराओं का पालन कर रहे हैं. महाराज के वचन के मुताबिक हम एक मंजिला मकान में ही रहते हैं.
