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Jodhpur एम्स में लीवर ट्रांसप्लांट शुरू, अब हार्ट ट्रांसप्लांट की तैयारी

 
Jodhpur एम्स में लीवर ट्रांसप्लांट शुरू, अब हार्ट ट्रांसप्लांट की तैयारी
जोधपुर न्यूज़ डेस्क, जोधपुर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एस) जोधपुर में अब किडनी, कॉर्निया के बाद तीसरे अंग के रूप में लीवर ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू हो गई है। एस के सर्जिकल गेस्ट्रोएंटेरोलॉजी विभाग ने बीते 3 महीनों में 3 व्यक्तियों के लीवर सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट कर दिए। तीन में से दो को अस्पताल से छुट़्टी दे दी गई है। दोनों स्वस्थ हैं। एक 63 वर्षीय व्यक्ति का लीवर ट्रांसप्लांट 18 नवबर को ही किया गया है, जो अस्पताल में भर्ती है। उसे भी जल्द ही छुट्टी दे दी जाएगी। पहला ट्रांसप्लांट 17 अगस्त को और दूसरा दो नवबर को किया गया था।  अब हार्ट ट्रांसप्लांट की तैयारियां चल रही है। कार्डियक सर्जरी और कार्डियोथोरेसिक विभाग ने हार्ट ट्रांसप्लांट को लेकर कई सुविधाएं तैयार कर ली हैं। संभवत: पहली बार बाहर से किसी टीम को बुलाकर हार्ट ट्रांसप्लांट किया जाएगा। इसके बाद एस जोधपुर के डॉक्टर ही हार्ट ट्रांसप्लांट करेंगे।

अधिकांश लीवर बेटे दे रहे

अब तक 12 लीवर ट्रांसप्लांट में से 7 जीवित दाता और 5 ब्रेन-डेड दाता से मिले हैं। जीवित दाता में से अधिकांश लीवर पुरुषों के बेटों ने अपने पिता को दिया है।

अब तक 12 लीवर ट्रांसप्लांट में से 11 पुरुषों के

एस जोधपुर में अब तक 12 लीवर ट्रांसप्लांट हुए हैं। अंतिम तीन ट्रांसप्लांट से पहले दिल्ली के आईएलबीएस संस्थान से टीम एस जोधपुर आकर लीवर ट्रांसप्लांट करती थी। इनमें 11 लीवर पुरुषों में और केवल एक लीवर महिला मरीज में ट्रांसप्लांट हुआ है। अब एस जोधपुर की डॉ. वैभव वार्ष्णेय, डॉ. सुभाष सोनी, डॉ. बी सेल्वकुमार, डॉ. पीयूष वार्ष्णेय और डॉ. लोकेश अग्रवाल की टीम ही लीवर ट्रांसप्लांट करेगी। एस के कार्यकारी निदेशक डॉ. जीडी पुरी नई सुविधा शुरू होने पर सभी डॉक्टरों को बधाई दी है।एस जोधपुर के सर्जिकल गेस्ट्रोएंटेरोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. वैभव कुमार वार्ष्णेय ने बताया कि लीवर ट्रांसप्लांट के 50 प्रतिशत मरीजों का लीवर अत्यधिक शराब के कारण खराब हुआ था। शेष 50 प्रतिशत का नॉन एल्कोहोलिक फैटी लीवर के कारण ट्रांसप्लांट करना पड़ा। मोटापे के कारण भी आजकल लीवर खराब हो रहा है।