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Jodhpur तस्कर ड्रग्स लाने के लिए विशेषज्ञ ड्राइवरों की तलाश कर रहे, रुपयों का दे रहे लालच

 
Jodhpur तस्कर ड्रग्स लाने के लिए विशेषज्ञ ड्राइवरों की तलाश कर रहे,  रुपयों का दे रहे लालच

जोधपुर न्यूज़ डेस्क, जोधपुर नशे की खेप की सप्लाई करने के लिए प्रदेशभर के तस्कर को एक्सपर्ट ड्राइवर की तलाश है। स्थानीय स्तर पर बड़ी खेप को लाने को लिए तस्करों को ड्राइवर नहीं मिल रहे है। ऐसे में तस्कर दूसरे स्थानों के ड्राइवर का सहारा ले रहे है। जिन्हें एक ही राउंड के लिए 10 हजार से 2 लाख रुपए तक दिए जा रहे है। ड्राइवर को दी जाने वाली यह रकम नशे के खेप की मात्रा, रिस्क व रूट को लेकर तय की जाती है। अगर रास्ते में पकड़े गए तो तस्कर व ड्राइवर एक दूसरे को नहीं जानते। चौंकाने वाले यह खुलासे पिछले पांच महीनों में राजस्थान पुलिस के सामने आए तस्करी के मामलों से सामने आए है। जिनमें दो मामले जोधपुर के भी शामिल है। जिसमें पुलिस ने करोड़ों रुपए के डोडा पोस्त को बरामद किया है।

स्थानीय तस्कर व ड्राइवर पुलिस की रडार पर

प्रदेश में आ रहे नशे की चेन को तोड़ने के लिए पुलिस ने तस्कर व उनके सभी ड्राइवर व साथियों को रडार पर ले रखा है। ऐसे में तस्करों की हर हलचल की खबर पुलिस तक पहुंच रही है। अपना करोड़ों रुपए का माल पुलिस के हत्थे नहीं चढ़े इसके लिए तस्कर अब अपने क्षेत्र से बाहर के ड्राइवरों की तलाश कर माल सप्लाई की जिम्मेदारी सौंप रहे है। पिछले पांच महीनों के केस की बात की जाए तो पुलिस ने करोड़ों रुपए की अलग – अलग जिलों में डोडा पोस्त की खेप व शराब की खेप को पकड़ा है। इन सभी में सामने आया कि तस्कर किसी और क्षेत्र का रहने वाला है। और ड्राइवर दूसरे जिले से अन्य प्रदेश का है। जिसे रूट व ट्रक को छोड़ने की जगह बताई जाती है। पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि ड्राइवर से तस्कर आकर नहीं मिलते। उसे किसी भी व्यक्ति के साथ डोडा पोस्त से भरी हुई गाड़ी के स्थान को बता दिया जाता है। ज्यादातर गाड़ी को किसी होटल पर चांबी के साथ ही छोड़ दिया जाता है। ड्राइवर गाड़ी को शुरू करता है और तस्करों की बताई जगह पर गाड़ी को छोड़कर चला जाता है।

एमपी व झारखंड से आने में बदलते है दो से तीन ड्राइवर

पुलिस ने बताया कि तस्कर नशे से भरी हुई गाड़ी को एक बार रवाना करने के बाद रुकने नहीं देते है। ऐसे में गाड़ी को लगातार चलाने के लिए दो से तीन ड्राइवर को हायर किया जाता है। हर ड्राइवर को 200 से 300 किलोमीटर का रूट पूरा होने के बाद नए ड्राइवर को गाड़ी की जिम्मेदारी दे दी जाती है। पुलिस ने बताया कि नशे से भरी हुई गाड़ी को रवाना करने के बाद वह गाड़ी तस्करों की नजर में होती है। तस्कर या उसका साथी उस गाड़ी से एक या दो किलोमीटर की दूरी बनाकर उसकी एस्कोर्ट करता रहता है। खतरे की भनक पड़ते ही वह ड्राइवर को आगाह कर देता है। और अगर ड्राइवर माल के साथ पकड़ा जाता है तो तस्कर वहां से अपनी गाड़ी में फरार हो जाते है।

कई महीने लग जाते है तस्करों तक पहुंचने में

पुलिस ने बताया कि ज्यादातर केस में पुलिस के हत्थे तस्करों के ड्राइवर ही पकड़े जाते है। उनके पकड़े जाने के बाद तस्कर का नाम सामने आता है। तब तक तस्कर अलर्ट हो जाता है और फरार हो जाता है। पुलिस को उसे पकड़ने में कई बार कई महीने तक लग जाते है।

पहले ड्राइवर को दी जाती है ट्रेनिंग

तस्कर जिस ड्राइवर को माल सप्लाई की जिम्मेदारी सौंपते है उसे पहले रूट की जारी ट्रेनिंग देते है। ड्राइवर को पहले पूरा रूट समझा दिया जाता है। अगर रास्ते में नाकाबंदी हो तो तस्कर कुछ होटल का भी नाम बता देते है। जहां वह गाड़ी को छिपा सकते है। साथ ही कुछ छोटे रास्तों के बारे में भी बता देते है। जिससे पुलिस का खतरा हो तो ड्राइवर रास्ता बदल देवें।

वन टाइम फोन नम्बर दिया जाता है

तस्कर ड्राइवरों को वन टाइम यूज के लिए नम्बर देते है। उसी नम्बर से तस्कर ड्राइवर से कनेक्ट रहते है। तस्कर ड्राइवर को सिर्फ वाट्सएप कॉल करते है। जिससे कि अगर तस्कर के नम्बर पर पुलिस की नजर है तो उसे ट्रेन नहीं कर पाए। काम खत्म होने के बाद तस्कर उस नम्बर को बंद कर देते है।

पुलिस के सामने आए मामले

29 जनवरी को बासनी थाना पुलिस ने 111 कट्‌टों में भरा 22 क्विंटल डोडा पोस्त पकड़ा था। इस डोडा पोस्त को सीमेंट मिक्सर में लाया गया था। पुलिस ने इसके ड्राइवर मंदसौर में गांधी नगर थानान्तर्गत प्रेमपुरिया गांव निवासी चालक ओमप्रकाश पुत्र गोपाल गुर्जर को गिरफ्तार किया। उनसे बताया कि उसे सिमेंट मिक्सर को फींच गांव में छोड़ने का काम मिला था। इसके पीछे अर्जुनराम नाम के तस्कर का माल होना सामने आया है। - 9 नवंबर को जोधपुर पूर्व डीएसटी टीम ने कार्रवाई करते हुए नागौर रोड पर एक ट्रक से 1510.72 किलो डोडा पोस्त पकड़ा था। पुलिस ने ट्रक से फलोदी जिले में भोजासर थानान्तर्गत मानेवड़ा गांव निवासी संपतलाल 27 पुत्र पाबूराम बिश्नोई को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में सामने आया था कि ठाडिया गांव निवासी सुरेश पुत्र रतनाराम बिश्नोई ने संपतलाल को डोडा पोस्त से भरा ट्रक लाने भेजा था। ओसियां में सिरमण्डी निवासी मनोज बिश्नोई ने ट्रक में डोडा पोस्त भरवाकर रांची में खड़ा करवाया था। मनोज ट्रक के ओसियां पहुंचने पर चालक को एक लाख रुपए देने वाला था।

13 जनवरी को विवेक विहार थाना पुलिस ने एक केमिकल के टैंकर से 2 करोड़ रुपए का डोडा पोस्त पकड़ा था। इस दौरान टैंकर के ड्राइवर जैसलमेर भणीयाणा क्षेत्र के डुंगरे की ढाणी निवासी रतनसिंह पुत्र लिखमाराम गोदारा को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में सामने आया कि रतनसिंह इस डोडा पोस्त को लाने के लिए बाड़मेर के एक तस्कर ने कहा था। इसके वह रतनसिंह को पैसे देने वाला था। 9 अक्टूबर 2023 की रात भीलवाड़ा में मंगरोप पुलिस ने नाकाबंदी कर रखी थी। इस दौरान चित्तौड़गढ़ की तरफ से आए एक ट्रक को रोका गया। ट्रक में भूसा भरा था। भूसे के कट्‌टों के साथ डोडा पोस्त की 298 बोरियां मिलीं, जिनमें 3702 किलो खेप थी। इसकी बाजार कीमत करीब 5.5 करोड़ रुपए आंकी गई। ट्रक ड्राइवर गंगानगर निवासी राजूलाल नायक को गिरफ्तार किया गया। पता चला कि खेत जोधपुर में एक होटल पर छोड़नी थी। इसके लिए उसे डेढ़ लाख रुपए मिलने थे। 27 सितंबर 2023 को जोधपुर की लूणी पुलिस ने सेठ सांवरिया होटल के पास निंबला नाका पर एक ट्रक को रुकवाया। ट्रक में 3600 किलो से ज्यादा डोडा पोस्त मिला। बाजार कीमत 5.43 करोड़ के आस-पास थी। ट्रक ड्राइवर ने बताया कि वह झारखंड से खेप लाया है, जोधपुर पहुंचानी थी। ट्रक के साथ पकड़े गए ड्राइवर व क्लीनर नागौर-बाड़मेर के थे।

ड्राइवर ऐसे जिनका नहीं कोई आपराधिक रिकार्ड

जोधपुर पश्चिम डीसीपी गौरव यादव ने बताया कि तस्कर दूसरे प्रदेशों से नशे की खेप लाने के लिए ड्राइवरों को सहारा लेते है। पहले यह लोग लोकल ड्राइवर का सहारा लेते थे। अब यह तस्कर ऐसे ड्राइवर ढूंढते है जिनका कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं हो और हर परिस्थिति में गाड़ी चलाने में एक्सपर्ट हो। इसके लिए यह लोग अपने क्षेत्र को छोड़ दूसरे जिले व प्रदेश के ड्राइवर को भी हायर कर रहे है। हाल ही में एक दो केस में यह बात सामने आई है।