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Jodhpur सीवरेज सिस्टम 80 साल पुराना, ड्रेनेज मास्टर प्लान पटरी से उतरा

 
Jodhpur सीवरेज सिस्टम 80 साल पुराना, ड्रेनेज मास्टर प्लान पटरी से उतरा
जोधपुर न्यूज़ डेस्क, जोधपुर भीतरी शहर का करीब 80 साल पुराना और बाहरी क्षेत्र का 45 साल पुराना सीवरेज तंत्र अब भारी बारिश को झेलने में असमर्थ है। नए ड्रेनेज मास्टर प्लान पर काम नहीं हुआ। इसलिए शहर में पिछले दो दशक से जलभराव की समस्या गहराती जा रही है। पिछले कुछ सालों के विकट हालात से सबक लेते हुए नगर निगम ने सर्वाधिक जलभराव वाले 42 पॉइंट को टारगेट करते हुए नया ड्रेनेज सिस्टम विकसित करने का बीड़ा उठाया। इसके लिए टेंडर हो चुके हैं। लेकिन पुराने शहर के रियासतकालीन ड्रेनेज सिस्टम को अब भी उपेक्षित छोड़ दिया गया है। सरकारी विभाग और निगम अधिकारी इस पर भी ध्यान दें तो स्थितियां सुधरें।

बचने के लिए ये काम करने होंगे

राष्ट्रीय राजमार्ग, राजमार्ग और मुख्य सड़कों के किनारे बने छोटे नालों में सुधार।

वर्षा जल निकासी के लिए बने नालों में सीवरेज प्रवाह को रोकना।

मुख्य नालों के प्रवाह मार्ग के साथ ठोस कचरा प्रबंधन

तालाबों में ठोस कचरा निस्तारण पर रोक

मुख्य व उपमुख्य नालों पर अतिक्रमण को चिन्हित कर हटाना।

शहर के मुख्य और उप मुख्य नालों और मुख्य सड़कों के किनारे बने नालों को जोड़ सड़कों पर पानी भराव की समस्या को दूर करना।

एक्सपर्ट व्यू: ड्रेनेज मास्टर प्लान लागू हो

शहर का जो ड्रेनेज मास्टर प्लान बना उसे ही यदि लागू किया जाता है, तो हमारे शहर की ड्रेनेज समस्या दूर हो सकती है। जो तीन प्रमुख नाले हैं वह कई सालों से अधूरे हैं। करीब 15-20 साल से इन नालों को पूरा करने की प्रक्रिया चल रही है। जब तक नालों को जोजरी नदी में नहीं मिलाया जाता, तब तक इस समस्या का स्थायी समाधान नहीं हो सकता। शहर के कई छोटे-बड़े नाले भी इन्हीं में मिलते हैं। अभी बरसाती पानी हम शहर से कुछ किलोमीटर आगे ले जाकर छोड़ देते हैं। लेकिन यह स्थायी समाधान नहीं है। 

शहर में मुख्य नालों, उप नालों व जलभराव क्षेत्र में जमा होने वाले बरसाती जल को सुरक्षित तरीके से शहर से बाहर जोजरी नदी तक पहुंचाने के लिए ड्रेनेज का मास्टर प्लान हाईकोर्ट के आदेश पर बनाया

जोजरी नदी तक मुख्य नालों के बहाव मार्ग का निर्धारण और नाला निर्माण। मुख्य नालों के मिसिंग लिंक का निर्माण

नगर निगम सीमा में स्थित इलाकों व कॉलोनियों के उपमुख्य नालों एवं मुख्य सडकों के किनारे आवश्यकतानुसार नालों का निर्माण

2016 में बना था ड्रेनेज मास्टर प्लान, लेकिन काम शुरू नहीं हुआ।