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Jodhpur ग्रामीण महिलाएं अब सिर्फ 'सोगरा' ही नहीं, बल्कि बाजरे के केक, बिस्कुट बना रही

 
Jodhpur ग्रामीण महिलाएं अब सिर्फ 'सोगरा' ही नहीं, बल्कि बाजरे के केक, बिस्कुट बना रही 
जोधपुर न्यूज़ डेस्क, जोधपुर प्रदेश के गांवों का परपरागत व प्रमुख खाना बाजरा का ’सोगरा’ ही नहीं, बल्कि अब बाजरा के मूल्य संवर्धित उत्पाद भी बना रही है। कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर के किसान कौशल विकास केंद्र की ओर से यूनिवर्सिटी सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत गोद लिए गए गांव बींजवाड़िया में महिलाएं वर्तमान में प्रचलित बाजरा के बिस्किट, केक, लड्डू व चकली बना रही है। गांव में गुरुवार को एक दिवसीय ’महिला उद्यमिता प्रशिक्षण कार्यक्रम’ आयोजित किया गया। विश्वविद्यालय के प्रशिक्षण अधिकारियों ने ग्रामीण महिलाओं को बाजरे का मूल्य संवर्धन कर बिस्कुट, लड्डू, केक, चकली सहित बाजरे की अन्य खाद्य सामग्री बनाने का प्रशिक्षण दिया।

स्वरोजगार की शुरुआत

विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अरुण कुमार ने कहा कि वर्तमान में महिला उद्यमियों के लिए अपार संभावनाएं हैं। प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ प्रदीप पगारिया ने कहा कि विश्वविद्यालय के दक्ष प्रशिक्षकों से प्रशिक्षण प्राप्त कर महिलाएं एकल या समूह बनाकर स्व रोजगार की शुरुआत कर सकती है।

आगे बढ़ने के लिए प्रेरित

गोद लिए गए गांव के नोडल अधिकारी डॉ. महेंद्र कुमार ने ग्रामीण महिलाओं को मूल्य संवर्धन प्रकिया को सीखकर स्वरोजगार व आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में प्रशिक्षण अधिकारी नीलिमा मकवाना व प्रियंका ने महिलाओं को प्रशिक्षण दिया। इस दौरान बड़ी संया में ग्रामीण महिलाएं मौजूद रही।