जोधपुर में पुलिस और बजरी माफिया की मिलीभगत का हहा पर्दाफाश, SP ने दिए कड़ी कार्यवाही के आदेश

जोधपुर में बजरी माफिया से मिलीभगत करने पर पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी है। क्षेत्र में अवैध बजरी खनन में 11 पुलिसकर्मियों की मिलीभगत सामने आई थी। इसके बाद यह कार्रवाई की गई है। इन्हें लाइन हाजिर करने के साथ ही मामले की जांच भी शुरू कर दी गई है। दरअसल, क्षेत्र में अवैध खनन रोकने के लिए पुलिस की ओर से अभियान चलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने के निर्देश दिए हैं। वहीं, पुलिस जांच में सामने आया कि अवैध बजरी खनन में ग्रामीण पुलिस की मिलीभगत है। इस मामले में 2 एएसआई, कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल पर कार्रवाई की गई है।
2 एसआई समेत 11 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया गया
मामले की जांच उप अधीक्षक (एससीएसटी सेल) शंकरलाल को सौंपी गई। मिलीभगत सामने आने के बाद पुलिस अधीक्षक ने बिलाड़ा उप अधीक्षक कार्यालय, भोपालगढ़ और कापरड़ा थाने में तैनात 2 एएसआई, 3 हेड कांस्टेबल और छह कांस्टेबल को लाइन हाजिर किया है।
पुलिस एसपी ने इन्हें किया लाइन हाजिर
पुलिस अधीक्षक राममूर्ति जोशी ने बताया कि अवैध बजरी खनन के आरोप में बिलाड़ा थाने में तैनात एएसआई पूनमराम, हेड कांस्टेबल लखपतराम, राजेश, कांस्टेबल महेंद्र, संजय और बिलाड़ा उप अधीक्षक कार्यालय में तैनात हेड कांस्टेबल शैतानराम, कांस्टेबल रिछपाल सिंह, भोपालगढ़ थाने के एएसआई समयराम, कापरड़ा थाने के कांस्टेबल गणेशराम, श्याम सिंह और बाबूलाल को लाइन हाजिर किया गया है।
जांच पूरी होने तक पुलिस लाइन में तैनात
जानकारी के अनुसार निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच चलने तक ये पुलिसकर्मी ग्रामीण पुलिस लाइन में तैनात रहेंगे। एसपी ने बताया, "मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद अवैध खनन के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जा रही है। इसी सिलसिले में पुलिस कर्मियों को लाइन हाजिर किया गया है और विभागीय जांच भी चल रही है।" उन्होंने कहा कि अवैध काम करने वाला भले ही पुलिस कर्मी हो, लेकिन कानून सबके लिए बराबर है।