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Jodhpur हिस्ट्रीशीटर तीन बिजनेसमैन को मरवाना चाहता था उज्जैन के एक मंदिर बाहर हर महीने मिलते थे, वहीं तय होता है अब करना क्या है

 
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जोधपुर न्यूज़ डेस्क - जोधपुर पुलिस की हिरासत में बदमाश की हत्या के मामले में टीम ने मंगलवार को पाली जिले के मनिहारी गांव में छापेमारी की। यहां से पुलिस हत्याकांड में शामिल आरोपी की मदद करने वाले हार्डकोर अपराधी जब्बार सिंह को पकड़कर जोधपुर ले आई। जबकि जब्बार सिंह ने पुलिस के पहुंचते ही हत्या के तीन मुख्य आरोपियों को वहां से भगा दिया। लेकिन, जब पुलिस ने जब्बार सिंह से पूछताछ की तो चौंकाने वाले खुलासे हुए। सामने आया है कि जब्बार सिंह सुरेश सिंह की तरह तीन और लोगों को मरवाना चाहता था। ये वही लोग थे जो उसकी राह के काँटे बन रहे थे। इतना ही नहीं यह बात भी सामने आई कि वह हर महीने उज्जैन के एक मंदिर के बाहर शार्प शूटर अजय पाल, उनके बेटे भरत और शूटर हिमांशु से मिलता था।

जब्बार सिंह का नाम सुरेश सिंह हत्याकांड में भी आया था। सुरेश सिंह की पुलिस हिरासत में 18 दिसंबर 2021 को अजय पाल और उसके साथियों ने हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड के बाद अजय पाल समेत भरत और हिमांशु फरार हो गए थे। पुलिस पूछताछ में जब्बार सिंह ने बताया कि उसके रडार पर तीन और लोग हैं। एडीसीपी नाजिम अली ने बताया कि पुलिस सुरक्षा कारणों से इन तीनों के नाम का खुलासा नहीं कर रही है, लेकिन जब्बार सिंह ने बताया कि वह अजय पाल से इनकी हत्या करवाना चाहता था। तीनों पाली और जोधपुर के रहने वाले थे। और, माइनिंग और दूसरे बिजनेस से जुड़े थे। यही कारण था कि जब्बार सिंह उन्हें लम्बे समय तक आश्रय दे रहा था। उसकी योजना थी कि इन तीन लोगों की हत्या करने के बाद इन लोगों को पकड़ा जाए।

जब्बार सिंह अपने बेटे अजय पाल और भरत और हिमांशु के लगातार संपर्क में था। खास बात यह है कि तीनों से कभी फोन पर संपर्क नहीं हुआ। जब्बार सिंह और उनके साथियों ने मप्र के उज्जैन में महाकाल मंदिर के बाहर एक जगह तय की थी। वे हर महीने मंदिर के बाहर एक फूल की दुकान के पास मिलते थे। महीना पूरा होते ही जब्बार सिंह के अलावा अजय पाल और भरत वहां पहुंच जाते। यहीं पर भविष्य की योजना तय की गई थी। यहीं से जब्बार सिंह उन्हें बताते थे कि आगे क्या करना है और कहां पार करना है।