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Jodhpur उपराष्ट्रपति धनखड़ द्वारा वकील रहते हुए दायर की गई अपील पर HC का फैसला

 
Rajasthan High Court का बार एसोसिएशन चुनावों को लेकर बड़ा फैसला, कहा - एक ही दिन में होंगे 250 बार एसोसिएशन के चुनाव

जोधपुर न्यूज़ डेस्क,  करीब 35 साल पहले जिस अपील को उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने वकील रहते हुए हाई कोर्ट में दायर किया था। उस पर राजस्थान हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए आरोपी की सज़ा को कम करते हुए उसे भुगती हुई सज़ा तक सीमित कर दिया हैं।

जस्टिस महेन्द्र गोयल की एकलपीठ ने आरोपी गुरुदयाल सिंह की अपील को निस्तारित करते हुए यह फैसला दिया। आरोपी की ओर से 1989 में उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बतौर वकील यह अपील हाई कोर्ट में पेश की थी।

आरोपी 35 साल से केस पेंडिग होने का दर्द झेल रहा है
अपील पर फैसला सुनाते हुए जस्टिस महेन्द्र गोयल की खंडपीठ ने कहा कि जिस समय आरोपी गुरुदयाल सिंह की गिरफ्तारी हुई थी। उस समय उसकी उम्र 43 साल थी। लेकिन आज उसकी उम्र लगभग 80 वर्ष है।

आरोपी पिछले 35 साल से यह मामला पेंडिंग होने के ट्रोमा से गुज़र रहा है। ऐसे में उसकी दोषसिद्धि बरकरार रखते हुए उसकी सज़ा को उसके द्वारा भुगती हुई सज़ा तक सीमिति करते हुए इस अपील को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए निस्तारित किया जाता हैं।

आरोपी की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता भावना चौधरी ने बताया कि यह घटना 5 मार्च 1988 की हैं। उस दिन अलवर जिले के किशनगढ़ बास थाने में प्रीतम सिंह ने एक रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि गुरुदयाल सिंह ने राजेन्द्र सिंह पर चाकू से वार करके उसे घायल कर दिया हैं।

जिस पर पुलिस ने गुरुदयाल सिंह को 13 मार्च 1988 को गिरफ्तार किया। इलाज़ के दौरान राजेन्द्र सिंह की मृत्यु होने पर गुरुदयाल सिंह के खिलाफ पुलिस ने हत्या के मामले में चालान पेश किया। लेकिन कोर्ट ने गुरुदयाल सिंह को 10 मार्च 1989 को गैर इरादतन हत्या का दोषी मानते हुए 4 साल की सज़ा सुनाई।