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Jodhpur गांवों और जंगलों में ई-वाहनों को मिलेगी आपातकालीन चार्जिंग सुविधा

 
Jodhpur गांवों और जंगलों में ई-वाहनों को मिलेगी आपातकालीन चार्जिंग सुविधा

जोधपुर न्यूज़ डेस्क, अगर आप किसी एक्सप्रेस-वे पर इलेक्ट्रोनिक व्हीकल (ईवी) लेकर निकल रहे हैं और अचानक बैटरी खत्म हो जाए तो गाड़ी बंद हो जाएगी। और आसपास कोई सुविधा भी नहीं मिलेगी, क्योंकि एक्सप्रेस-वे का एंट्री व एग्जिट पॉइंट 50-60 किलोमीटर तक नहीं होता है। यही हाल जंगल और दूरदराज के गांवों में बैटरी खत्म होने पर होगा। इस समस्या के समाधान के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) जोधपुर ने एक चार्जिंग एडॉप्टर विकसित किया है, जो गाड़ी को इमरजेंसी चार्जिंग दे सकेगा। दूरदराज के गांवों, जंगलों और एक्सप्रेस-वे पर सरकार सिंगल सोलर पैनल लगाने पर विचार कर रही है, जिसके केवल सॉकेट होंगे। आईआईटी जोधपुर के इस एडॉप्टर को केवल सोलर पैनल के सॉकेट से जोड़ना होगा। जो सोलर पैनल से बिजली लेकर एकबारगी कार को जरूरत के अनुसार 5 से 10 मिनट के लिए चार्ज कर देगा। फिर ईवी को पास ही किसी चार्जिंग स्टेशन तक पहुंचाना आसान होगा।

वर्तमान में ईवी की बैटरी ग्रिड से चार्ज होती है। सोलर पैनल भी इनवर्टर- कनर्वटर के जरिए ग्रिड से जुड़े होते हैं। सीधा सोलर पैनल से बिजली नहीं ले सकते। आईआईटी जोधपुर के विद्युत अभियांत्रिकी विभाग के डॉ. निशांत कुमार ने ऐसा एडॉप्टर बनाया है जो सोलर पैनल से सीधे बिजली ले सकेगा। एडॉप्टर में विशेष एल्गोरिदम (सिंगल इनपुट एडॉप्टिव फजी लॉजिक ट्यून्ड डिटरमिनिस्टिक ऑप्टिमाइज़ेशन) डाला गया है, जो अधिकतम पावर पॉइंट ट्रैकिंग पर काम करता है। यह किसी भी वॉल्टेज में सोलर पैनल की बिजली खींचकर ईवी की बैटरी इमरजेंसी में चार्ज कर देगा।

एक हजार रुपए कीमत

इस एडॉप्टर की वर्तमान में कीमत करीब एक हजार रुपए है और इसका आकार एक फीट लबा और करीब इतना ही चौड़ा है, जो पोर्टेबल होने के कारण साथ में ले जा सकते हैं।

देश में केवल 5 प्रतिशत ईवी

वर्तमान में देश में केवल पांच प्रतिशत ईवी है। भारत के अलावा अन्य बड़े देश कनाडा, चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, रूस भी चार्जिंग सुविधा की समस्या का सामना कर रहे हैं।