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Jodhpur बाजरे के बिस्किट की रेसिपी जानने आया जर्मनी-इथियोपिया का दल, ली जानकारी

 
Jodhpur बाजरे के बिस्किट की रेसिपी जानने आया जर्मनी-इथियोपिया का दल, ली जानकारी 

जोधपुर न्यूज़ डेस्क, जोधपुर में बनते बाजरे के बिस्किट की रेसिपी जानने जर्मनी और इथोपिया से एक प्रतिनिधिमंडल आया है। बिस्किट के अलावा कौनसी डिश बाजरे से बनाई जा सकती है, इसकी भी जानकारी ली।प्रतिनिधिमंडल अशोक उद्यान के पास स्थित आरडीजेड बेकरी गए। उन्होंने कुकीज को खाकर इसका स्वाद चखा। जोधपुर की इस बेकरी से दिल्ली की मिनिस्ट्री तक कुकीज और केक की सप्लाई होती है। वहां नियमित उपयोग के चलते उसके बिजनेस मॉडल और उनके बाजरे के काम को समझने के लिए दल जोधपुर आया हैं।

बाजरे से बना केक भी खाया

बेकरी के ओनर डॉक्टर सुमित और अमित सोनी ने बताया- अरावली संस्था के वरुण के साथ दिल्ली की गिज नामक संस्था के इंद्रनील जर्मनी व इथियोपिया के प्रतिनिधिमंडल के आठ सदस्यों का दल जोधपुर आया है। उन्होंने बाजरे की खेती और उनसे बनने वाले उत्पाद के बारे में जानकारी दी।डॉ.सुमित सोनी ने बताया- दल ने बाजरे से बना केक कट किया। बाजरा से बना पिज्जा भी खाया। पूरी टीम एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी मंडोर जोधपुर भी विजिट किया। जहां सरकार की तरफ से मिलेट्स को लेकर जो काम हो रहा है, उसे साझा किया।

बाड़मेर और जयपुर भी करेंगे विजिट

भारत के बीच त्रिपक्षीय विकास सहयोग के हिस्से के रूप में इथियोपिया और जर्मनी का एक प्रतिनिधिमंडल जिसमें इथियोपिया केस्टेक होल्डर्स, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिए जर्मन एजेंसी जीआईजेड इंडिया और जीआईजेड इथियोपिया व अरावली (राजस्थान सरकार द्वारा स्थापित) के प्रतिनिधि शामिल होंगे। 18 से 24 नवंबर तक राजस्थान के जयपुर, जोधपुर और बाड़मेर जिलों में एक अनुभव विनिमय यात्रा करेंगे। इस कारण जोधपुर में भी अनुभव लेने आए।इस त्रिपक्षीय सहयोग का उद्देश्य बाजरा की खेती और उपयोग को बढ़ावा देना है, जिसका उद्देश्य इथियोपियाई स्टेकहॉल्डर्स के ज्ञान में सुधार करना है। संपूर्ण बाजरा पारिस्थितिकी तंत्र की खेती, उत्पादन, कटाई और प्रसंस्करण की प्रथाओं के पैकेज के संबंध में सरकार, नीति निर्माताओं, व्यवसायों, की जानकारी दी जाएगी।