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Jodhpur ई-मित्र संचालक व उसके भाई से लाखों रुपए की ठगी, केस दर्ज

 
Jodhpur ई-मित्र संचालक व उसके भाई से लाखों रुपए की ठगी, केस दर्ज 

जोधपुर न्यूज़ डेस्क, जोधपुर ई-मित्र संचालक और उसके भाई को पहचान के व्यक्तियों की भलाई करना भारी पड़ा। पहचान व्यक्तियों (ठगों) के मदद मांगने पर ई-मित्र संचालक ने अपने दुकान मालिक व खुद के भाई के खातों में रुपए ट्रांसफर करवा उनसे नकद रुपए दिलवा दिए। जब दोनों भाइयों का खाता फ्रीज हुआ, तब उनको ठगी के मामले का पता चला। घटना मार्च की बताई जा रही है। ई-मित्र संचालक व उसके भाई ने 6.40 लाख रुपए की ठगी का बनाड़ थाने में मामला दर्ज करवाया। थानाधिकारी प्रेमदान रतनू ने बताया कि सारण नगर निवासी मंछाराम ने रिपोर्ट दी। इसमें बताया कि वह आयुषी ई-मित्र सर्विसेज के नाम से दुकान चलाता है। सुनील चारण, संदीप भाकर, रमेश नाइल और किशन नाम के युवक उसकी पहचान के हैं, जो उनकी दुकान पर अक्सर आते रहते हैं।

गत 13 मार्च को सुनील चारण ई-मित्र पर आया। उसने 3.20 लाख रुपए नकद की जरूरत बताई। इसके बाद मंछाराम के बैंक खाते में ऑनलाइन पेमेंट करवाने के लिए तैयार था। उस समय मंछाराम के पास पैसे नहीं थे। तब उसने दुकान मालिक जीवणराम को कहकर सुनील को 3.20 लाख रुपए चेक व नकद दिला दिए। बदले में जीवणराम के बैंक खाते में 3.20 लाख का ऑनलाइन पेमेंट आ गया। कुछ दिन बाद 22 मार्च को फिर से सुनील सारण और अन्य युवक उसके ई-मित्र पर आए। जहां पर उन्होंने एक बार फिर से 3.19 लाख नकद की जरूरत बताई। इस बाद मंछाराम ने अपने बैंक खाते का 3.19 लाख रुपए का चेक सुनील को दिया।

जीवणराम की तरह मंछाराम के बैंक खाते में भी इतने ही रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर हो गए। कुछ दिन बाद साइबर फ्रॉड का खुलासा होने पर मंछाराम का खाता फ्रीज हो गया। तब मंछाराम ने अपने खाते से जिन-जिन लोगों को रुपए का ट्रांजेक्शन किया। वे खाते भी फ्रीज हो गए। इसमें एक खाता मंछाराम के भाई रामरतन का भी शामिल था। मंछाराम ने बनाड़ पुलिस थाने में केस दर्ज करवाया। मंछाराम के चक्कर में जीवणराम का बैंक खाता भी सीज है।