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Jodhpur केंद्र ने आरटीआई में कहा- प्रस्ताव से जुड़ी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है

 
Jodhpur केंद्र ने आरटीआई में कहा- प्रस्ताव से जुड़ी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है
जोधपुर न्यूज़ डेस्क, जोधपुर राजस्थान हाईकोर्ट की वर्चुअल बेंच के मुद्दे पर पिछले एक पखवाड़े से चल रही सुगबुगाहट और बयानबाजी के बीच केंद्रीय विधि और न्याय मंत्रालय के अधीन न्याय विभाग ने इस प्रस्ताव से जुड़ी कोई जानकारी उपलब्ध होने से इनकार किया है। पिछले दिनों बीकानेर में वर्चुअल बेंच के प्रस्ताव की सुगबुगाहट के बीच जोधपुर से राजस्थान हाईकोर्ट लॉयर्स एवं एडवोकेट्स एसोसिएशन का शिष्ट मंडल केंद्रीय विधि मंत्री अर्जुनराम मेघवाल से मिलने गया था। शिष्टमंडल के अधिकारिक बयान के अनुसार विधि मंत्री ने उन्हें देश में दस वर्चुअल बेंच के प्रस्ताव की जानकारी देते हु कहा था कि यह प्रस्ताव सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश की पहल का नतीजा है।

जबकि सूचना का अधिकार कानून के तहत इस बारे में आधिकारिक सूचना उपलब्ध करवाने के लिए दायर एक आवेदन का निस्तारण करते हुए विधि और न्याय मंत्रालय के अधीन न्याय विभाग ने कहा कि उसके पास ऐसी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। इस जवाब से दोबारा यह सवाल खड़ा हो गया है कि राजस्थान हाईकोर्ट की वर्चुअल बेंच स्थापित करने की कोई अधिकारिक कवायद हो भी रही है या यह केवल मौखिक चर्चा तक सीमित है।

केंद्र के जवाब से यह जाहिर है कि न्याय विभाग ने अब तक इस दिशा में कोई ठोस दस्तावेजी कार्रवाई नहीं की है। लॉयर्स एसोसिएशन के कार्यकारिणी सदस्य रजाक खान हैदर ने सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत केंद्र सरकार के विधि और न्याय मंत्रालय के अधीन स्थापित न्याय विभाग के केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी के समक्ष 19 अगस्त को आवेदन दायर किया था। आवेदन में साफ पूछा गया था कि बीकानेर में राजस्थान हाईकोर्ट की वर्चुअल बेंच की स्थापना करने के संबंध में केंद्र सरकार के विधि एवं न्याय मंत्रालय के स्तर पर यदि कोई प्रस्ताव विचाराधीन हो तो उसकी सत्यापित प्रतिलिपि सहित मय नोटशीट व समस्त पत्रावली उपलब्ध करवाएं। केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी ने 31 अगस्त को इस आवेदन का निस्तारण करते हुए आवेदक को सूचित किया कि वर्तमान सीपीआईओ के पास ऐसी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है।