Jodhpur प्रशासन से मदद नहीं मिली तो ग्रामीणों ने खुद ही फायर ब्रिगेड जुटा की सहायता
जोधपुर न्यूज़ डेस्क, जोधपुर गांवों में लगातार हो रही अगलगी की घटनाओं से न केवल चारा व पेड़-पौधे जलने से ग्रामीणों को नुकसान हुआ है, बल्कि काफी दहशत का माहौल भी है. हालांकि, इसके बावजूद प्रशासन इसे इतनी गंभीरता से लेता नजर नहीं आया. सरकार ने किसी भी गांव को सहायता पहुंचाने या आग लगने के कारणों का पता लगाने के लिए कोई काम नहीं किया है. ग्रामीणों और अग्निशमन कर्मियों ने आग की तुरंत जानकारी के लिए एक सोशल मीडिया ग्रुप बनाया है. बार-बार आग लगने की घटनाएं होने के बाद भी जब प्रशासन नहीं पहुंचा तो ग्रामीण आग लगने का कारण जानने के लिए भोपाओं के पास गए। 10 दिन बाद प्रशासन हरकत में आया.
ग्रामीणों की थ्योरी- अतिक्रमण के पास लगी है आग, कोई कर रहा शरारत
श्यामाराम जाट ने बताया- 1 मई को घर के बाहर पड़े चारे में अचानक आग लग गई. हमें लगा कि शायद कोई जलती हुई चिड़िया बिजली के खंभों में फंस कर गिर गयी होगी. पहली बार परिवार के लोगों ने मिलकर आग बुझाई। कुछ समय बाद उसी दिन, घर के पीछे चबूतरे पर लगे पेड़ों में आग लग गई। तब से मेरे परिवार के घर के आसपास के खेतों में तीन बार आग लग चुकी है। सुवती देवी पत्नी रामूराम ने आंखों में आंसू भरकर कहा- मेरे खेत में रखा सारा चारा और पाइप जल गया। आसोप निवासी मो. इरफान ने कहा- तीन माह पहले कुकरदा रोड में आग लगी थी। पूरे रमज़ान के दौरान गांवों में छोटी-छोटी आग जलती रही। सभी को लगा कि कोई शरारत कर रहा है। लेकिन अब रामपुरा आसोप कुम्हारा रोड पर अज्ञात कारणों से आग लग रही है. एक बुजुर्ग ने कहा- आग वहीं लग रही है, जहां लोगों ने खेतों के पास अतिक्रमण कर रखा है।
ग्रामीण अपने स्तर पर एकत्र होकर रातभर निगरानी करते रहे
आसोप युवा नेता निर्मल चौधरी ने कहा-ग्रामीणों को प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं मिल रही है। हम सभी ग्रामीण मिलकर आग पर काबू पाने की लड़ाई लड़ रहे हैं. भोपालगढ़ से आसोप थाने पर दो दमकलें बुलाई गई हैं। एक निजी कंपनी की फायर ब्रिगेड का भी उपयोग किया जा रहा है। आग पर नजर रखने के लिए लोग जागते भी रहते हैं. आसोप गांव में बार-बार आग लगने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. ग्रामीण अपने स्तर पर फायर ब्रिगेड जुटाकर आग पर काबू पा रहे हैं। जिम्मेदार और लापरवाह बनें.