Jodhpur जमीन मिले तो नए क्लस्टर बनेंगे, एक लाख नए रोजगार पैदा होंगे

जोधपुर न्यूज़ डेस्क, जोधपुर राइजिंग राजस्थान के बड़े एमओयू को अब धरातल पर उतारने का समय है। राजस्थान सरकार का दूसरा बजट 19 फरवरी को पेश किया जाएगा। इसमें जोधपुर के उद्योग जगत को बड़ी उम्मीदें हैं। सबसे बड़ी डिमांड जमीन की है। नए औद्योगिक क्षेत्र के साथ जोधपुर-पाली औद्योगिक क्षेत्र को धरातल पर उतारने के प्रयास होने चाहिए। इसी से एक लाख तक नए रोजगार का सृजन होगा।जोधपुर में उद्योगों के कई नए क्लस्टर भी बन रहे हैं। हैंडीक्राफ्ट के साथ टैक्सटाइल, स्टील पाटा उद्योग पुराना है। लेकिन अब इसके अलावा एग्रो सेक्टर, सोलर उपकरण व पेट्रो केमिकल उत्पाद के नए उद्योग सामने आ रहे हैं। पश्चिमी राजस्थान प्रमुख औद्योगिक हब है और रिफाइनरी के शुरू होने के बाद उद्योगों की संख्या और उनकी वैरायटी भी बढ़ेगी। चार से पांच नए क्लस्टर से करीब एक लाख नए रोजगार सीधे जुड़ेंगे। और इसके अलावा अप्रत्यक्ष रोजगार भी बढ़ेगा।
यह प्रमुख डिमांड पूरी होनी चाहिए
टैक्सटाइल सेक्टर करीब 25 हजार लोगों को रोजगार देता है।
स्टील पाटा उद्योग 10 से 15 हजार लोगों को दे रहा रोजगार।
हैंडीक्राफ्ट उद्योग में 50 से 60 हजार लोग सीधे रोजगार से जुड़े हैं।
स्टोन इंडस्ट्री में करीब 50 हजार से ज्यादा लोग नियोजित हैं।
नए क्लस्टर और प्रस्तावित रोजगार
एग्रो सेक्टर में 100 से ज्यादा नई इंडस्ट्री आ सकती हैं और 5 से 10 हजार का रोजगार सृजन हो सकता है।
पेट्रो केमिकल व रिफाइनरी से जुड़े उद्योग में 10 से 20 हजार नया रोजगार सृजन हो सकता है।
स्टील बर्तन उद्योग में 250 से ज्यादा इंडस्ट्री आने से 10 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिल सकता है।
हैंडीक्राफ्ट पार्क स्थापित होने से 5 से 10 हजार का नया रोजगार सृजन होगा।
आइटी इंडस्ट्री बनेगी, इसमें 5 से 10 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।
पाली रोड में कांकाणी, केरू क्षेत्र, बाड़मेर रोड के साथ तिंवरी व आस-पास के कस्बों में औद्योगिक क्षेत्र विकसित होने चाहिए। उद्योगों के लिए जमीन की नीलामी नहीं बल्कि आवंटन प्रक्रिया होनी चाहिए और दरें भी छोटे उद्योगों के अनुकूल होनी चाहिए।