Jodhpur पंचायतें निगम में शामिल होंगी तो उन्हें पानी-सीवरेज-पट्टे मिलेंगे
अपनी जमीनों के पट्टों के लिए तरस रही जनता
पेराफेरी क्षेत्र में आ चुकी कई ग्राम पंचायतों की जनता अपनी ही जमीनों के पट्टों के लिए तरस रही है। पट्टों के लिए ये लोग ग्राम पंचायतों और जेडीए के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन राहत नहीं मिल रही है। शहर विस्तार का हिस्सा हो चुकी ग्राम पंचायतों के लोगों का कहना है कि यदि मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए उनके इलाकों को नगर निगम में शामिल कर लिया जाए तो उन्हें पट्टों के लिए यहां वहां भटकने की समस्या से निजात मिल सकती है। शहर के आसपास की करीब एक दर्जन ग्राम पंचायतों के लोग इस तरह की समस्याओं से जूझ रहे हैं। इनमें कुछ ग्राम पंचायतों के बसावट वाले इलाकों की जमीनों को आबादी भूमि की किस्म में परिवर्तन कर दिया गया है तो कुछ के पास आज भी आबादी भूमि नहीं है। ऐसे में जिन इलाकों में बरसों पहले बसावट हो चुकी है, उन इलाकों में पट्टे जारी नहीं हो पा रहे हैं।
सीवरेज और पानी की समस्या से छुटकारा
पाल, बनाड़, चौखा सहित कई बड़े क्षेत्र ऐसे है, जहां पर कई वर्षों से सीवरेज की समस्या चली आ रही है। यहां पर ग्राम पंचायतें होने के कारण इस क्षेत्रों को नगर निगम में शामिल नहीं किया गया था। इसके चलते यह क्षेत्र अमृत 2.0 प्रोजेक्ट में शामिल नहीं हुए। इधर, ग्राम पंचायतों का बजट कम होने के कारण पंचायतें सीवरेज लाइन नहीं डलवा पा रही है। शहर के पेरीफेरी में कई ऐसी कॉलोनियां भी है, जहां पर आबादी बस गई, लेकिन वहां पर पानी के कनेक्शन तक नहीं हुए। पीएचईडी के अधिकारियों का कहना है कि पेरीफेरी के क्षेत्र को निगम की सीमा में शामिल कर लिया जाए तो इन क्षेत्रों को पीएचईडी के अमृत 2.0 में शामिल कर लिया जाएगा।
