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Jodhpur पंचायतें निगम में शामिल होंगी तो उन्हें पानी-सीवरेज-पट्टे मिलेंगे

 
Jodhpur पंचायतें निगम में शामिल होंगी तो उन्हें पानी-सीवरेज-पट्टे मिलेंगे
जोधपुर न्यूज़ डेस्क, जोधपुर नगर निगम के अधिकारियों ने अब नए क्षेत्रों को निगम की सीमा में जोड़ने के प्रस्तावों को लेकर कार्य शुरू कर दिया है। मंत्री, विधायकों और महापौर के समर्थन में उतरने के बाद अब प्रशासनिक ढाचे ने भी इस पर अपनी एक्सरसाइज शुरू कर दी है। हालांकि 2012 में कई क्षेत्रों को निगम की सीमा में शामिल करने के लिए कार्य किया हुआ है, लेकिन इसे अब नए सिरे से तैयार कर रहे हैं। निगम की सीमा को बढ़ाकर ग्रामीण क्षेत्र के हिस्सों इसमें शामिल करके लोगों को मूलभूत सुविधाएं मिलनी चाहिए।  इस अभियान में वर्तमान विधायक के साथ मंत्री और निगम दक्षिण की महापौर के जुड़ने के बाद अब निगम में भी अधिकारियों ने इस पर कार्य शुरू कर दिया है।साथ ही वार्डों के परिसीमन को लेकर भी कार्य शुरू हो चुका है।

अपनी जमीनों के पट्टों के लिए तरस रही जनता

पेराफेरी क्षेत्र में आ चुकी कई ग्राम पंचायतों की जनता अपनी ही जमीनों के पट्टों के लिए तरस रही है। पट्टों के लिए ये लोग ग्राम पंचायतों और जेडीए के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन राहत नहीं मिल रही है। शहर विस्तार का हिस्सा हो चुकी ग्राम पंचायतों के लोगों का कहना है कि यदि मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए उनके इलाकों को नगर निगम में शामिल कर लिया जाए तो उन्हें पट्टों के लिए यहां वहां भटकने की समस्या से निजात मिल सकती है। शहर के आसपास की करीब एक दर्जन ग्राम पंचायतों के लोग इस तरह की समस्याओं से जूझ रहे हैं। इनमें कुछ ग्राम पंचायतों के बसावट वाले इलाकों की जमीनों को आबादी भूमि की किस्म में परिवर्तन कर दिया गया है तो कुछ के पास आज भी आबादी भूमि नहीं है। ऐसे में जिन इलाकों में बरसों पहले बसावट हो चुकी है, उन इलाकों में पट्टे जारी नहीं हो पा रहे हैं।

सीवरेज और पानी की समस्या से छुटकारा

पाल, बनाड़, चौखा सहित कई बड़े क्षेत्र ऐसे है, जहां पर कई वर्षों से सीवरेज की समस्या चली आ रही है। यहां पर ग्राम पंचायतें होने के कारण इस क्षेत्रों को नगर निगम में शामिल नहीं किया गया था। इसके चलते यह क्षेत्र अमृत 2.0 प्रोजेक्ट में शामिल नहीं हुए। इधर, ग्राम पंचायतों का बजट कम होने के कारण पंचायतें सीवरेज लाइन नहीं डलवा पा रही है। शहर के पेरीफेरी में कई ऐसी कॉलोनियां भी है, जहां पर आबादी बस गई, लेकिन वहां पर पानी के कनेक्शन तक नहीं हुए। पीएचईडी के अधिकारियों का कहना है कि पेरीफेरी के क्षेत्र को निगम की सीमा में शामिल कर लिया जाए तो इन क्षेत्रों को पीएचईडी के अमृत 2.0 में शामिल कर लिया जाएगा।