रेलवे ट्रैक पार करना पड़ा महंगा, जोधपुर मंडल में RPF का सख्त अभियान, 483 मामले पकड़े गए
रेलवे ट्रैक को शॉर्टकट समझकर पार करना यात्रियों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। इसी खतरे को देखते हुए उत्तर पश्चिम रेलवे के जोधपुर मंडल में रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने पटरी पार करने वाले यात्रियों के खिलाफ सख्त अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत चालू वित्त वर्ष में अब तक कुल 483 मामले पकड़े जा चुके हैं।
RPF अधिकारियों के अनुसार, रेलवे ट्रैक पार करना न केवल रेलवे नियमों का उल्लंघन है, बल्कि इससे गंभीर हादसों की आशंका भी बनी रहती है। हर साल देशभर में रेलवे ट्रैक पार करते समय कई लोग ट्रेन की चपेट में आकर अपनी जान गंवा देते हैं या गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए जोधपुर मंडल में लगातार जागरूकता और कार्रवाई दोनों पर जोर दिया जा रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि इन 483 मामलों में अधिकांश यात्री स्टेशन परिसर या उसके आसपास निर्धारित फुटओवर ब्रिज और अंडरपास का उपयोग करने के बजाय सीधे पटरी पार करते हुए पकड़े गए। ऐसे यात्रियों के खिलाफ रेलवे अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है। नियमों के अनुसार, बिना अनुमति रेलवे ट्रैक पार करने पर जुर्माना और अन्य दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान है।
RPF ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह अभियान केवल कार्रवाई तक सीमित नहीं है, बल्कि यात्रियों को जागरूक करने का भी प्रयास किया जा रहा है। स्टेशन परिसरों में अनाउंसमेंट, पोस्टर और बैनर के माध्यम से यात्रियों को समझाया जा रहा है कि रेलवे ट्रैक पार करना कितना खतरनाक हो सकता है। इसके अलावा, स्कूलों और सार्वजनिक स्थानों पर भी रेलवे सुरक्षा से संबंधित जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
जोधपुर मंडल के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि कई बार जल्दबाजी या लापरवाही के चलते लोग अपनी जान जोखिम में डाल देते हैं। कुछ यात्री फुटओवर ब्रिज या अंडरपास को समय की बर्बादी समझते हैं, लेकिन यही शॉर्टकट उन्हें भारी पड़ सकता है। ट्रेन की गति और दूरी का सही अंदाजा न होने के कारण हादसे का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
रेलवे प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे हमेशा सुरक्षित रास्तों का ही इस्तेमाल करें और नियमों का पालन करें। साथ ही, अभिभावकों से भी कहा गया है कि वे बच्चों को रेलवे ट्रैक के पास खेलने या पटरी पार करने से रोकें।
RPF ने साफ किया है कि आने वाले समय में भी यह अभियान जारी रहेगा और नियम तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। रेलवे का उद्देश्य यात्रियों को दंडित करना नहीं, बल्कि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना है। सुरक्षित यात्रा के लिए यात्रियों की सतर्कता और सहयोग बेहद जरूरी है।
