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राजस्थान के इस जिले में एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट पर संकट! अब तक नहीं मिला ठेकेदार, जानिए क्या है देरी की असली वजह ?

 
राजस्थान के इस जिले में एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट पर संकट! अब तक नहीं मिला ठेकेदार, जानिए क्या है देरी की असली वजह ? 

राजस्थान के जोधपुर में एलिवेटेड रोड के लिए फिर अगली तारीख दे दी गई है। पिछले छह महीने से कागजों पर तारीखें आगे खिसकने से ऐसा लग रहा है कि उम्मीदें भी खत्म होती जा रही हैं। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को इस टेंडर प्रक्रिया के लिए कोई ठेकेदार या कंपनी नहीं मिल पा रही है, जो अपनी शर्तों पर निर्माण पूरा कर सके। यह पांचवीं बार है, जब टेंडर प्रक्रिया सफल नहीं हो पाई है और तारीख आगे बढ़ाई गई है।

इस तरह बढ़ाई गई तारीखें
* टेंडर प्रक्रिया 14 अप्रैल को पूरी होनी थी।
* पहले अंतिम तारीख 13 मार्च थी, लेकिन इसे आगे बढ़ा दिया गया।
* पहले टेंडर 20 फरवरी को खोला जाना था, लेकिन यह भी संभव नहीं हो सका।
* पहले टेंडर 21 जनवरी को खोला जाना था, लेकिन नियमों में बदलाव के कारण इसे आगे बढ़ा दिया गया।
* जब टेंडर पहली बार जारी किया गया था, तो इसकी अंतिम तारीख 31 दिसंबर थी।

अब 19 मई है अगली तारीख
अब एनएचएआई ने टेंडर प्रक्रिया की अंतिम तिथि 19 मई और इसकी बोलियां खोलने की तिथि 20 मई रखी है। उम्मीद है कि इस बार इस काम को पूरा करने वाला कोई मिल जाएगा। हालांकि, पिछले छह महीने से इस प्रोजेक्ट को नई तारीख ही मिल रही है।

अभी भी छह महीने की देरी
इस सड़क को तैयार करने के लिए 912 दिन का समय दिया गया है, लेकिन नवंबर में शुरू हुई प्रक्रिया अप्रैल तक भी शुरू नहीं हो पाई। पहले ही छह महीने की देरी हो चुकी है।

10 साल तक रखरखाव
यह एलिवेटेड रोड हाइब्रिड एन्युटी मोड पर बनाई जाएगी। संभवत: इसी प्रावधान के कारण कोई भी ठेका कंपनी इसमें रुचि नहीं ले रही है। सरकार अपनी तरफ से लागत बजट का 40 फीसदी देगी और बाकी 60 फीसदी कंसेशन अवधि के दौरान एन्युटी भुगतान के तौर पर दिया जाएगा। निर्माण का ठेका जिस कंपनी को मिलेगा, उसे अगले 10 साल तक इसका रखरखाव करना होगा। 60 फीसदी राशि उसी दौरान दी जाएगी। संभवतः राशि मिलने में इतनी देरी के कारण ही कोई कंपनी इसमें रुचि नहीं दिखा रही है।