बुजुर्ग माता-पिता को घर से निकालने वाली बहू पर कोर्ट सख्त, हर महीने लिया जाएगा फीडबैक

राजस्थान के जोधपुर में एक बुजुर्ग दंपत्ति को कोर्ट से न्याय मिला है। बुजुर्ग दंपत्ति को उनके ही घर से निकाल दिया गया था। दर-दर भटकने के बाद आखिरकार जब वे कोर्ट गए तो बहू की करतूत सामने आई। अब कोर्ट ने बुजुर्ग दंपत्ति को वापस घर भेज दिया है। कोर्ट ने पुलिस को भी हर महीने जाकर फीडबैक लेने के निर्देश दिए हैं।
बताया जाता है कि बुजुर्ग दंपत्ति के इकलौते बेटे की बहू ने उन्हें घर से निकाल दिया था। जोधपुर शहर में रहने वाले एक बुजुर्ग दंपत्ति ने अपनी कमाई से मकान बनाया, लेकिन उनकी बहू ने उन्हें अपने ही घर से बेदखल कर दिया। ऐसी मुश्किल परिस्थिति में बुजुर्ग ने कोर्ट की शरण ली और अब जोधपुर की एसडीएम कोर्ट के पीठासीन अधिकारी आईएएस प्रीतम कुमार ने अपने आदेश में बुजुर्ग को फिर से उसी घर में रहने और उनकी बहू को अपने ससुराल वालों के साथ अच्छा व्यवहार बनाए रखने का आदेश भी दिया है। झूठे केस में फंसाकर जेल भेजने की धमकी
एडवोकेट हेमंत बावेजा ने बताया कि लालसागर चाणक्य नगर निवासी परसराम ने अपनी कमाई से मकान खरीदा था। उनका इकलौता बेटा भी यहीं रहता है। माता-पिता ने अपने बेटे की शादी वीना से की थी। पिछले कई महीनों से वीना अपने सास-ससुर के साथ गाली-गलौज, झगड़ा और मारपीट कर रही थी और उन्हें झूठे केस में फंसाकर जेल भेजने की धमकी दे रही थी।
दर-दर भटकने के बाद मामला कोर्ट में पहुंचा
बुजुर्ग पहले से ही बहू की धमकियों से परेशान थे, इसी बीच करीब चार महीने पहले बहू ने सास-ससुर को अपने ही घर से निकाल दिया। इसके बाद वे दर-दर भटकने को मजबूर हो गए। ऐसे में बुजुर्गों ने एडवोकेट बावेजा के जरिए कोर्ट की शरण ली। उनकी ओर से बावेजा ने माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर न्याय की मांग की।
पुलिस को कोर्ट से मिले निर्देश
पीठासीन अधिकारी ने मामले की सुनवाई करते हुए पुलिस को आदेश दिया कि बुजुर्गों को उनके घर में सुरक्षित प्रवेश सुनिश्चित किया जाए। साथ ही बहू को किसी भी तरह से उनके साथ दुर्व्यवहार करने से मना किया गया और उनके साथ अच्छे संबंध बनाए रखने को कहा गया। इतना ही नहीं पुलिस को आदेश दिया गया है कि वह हर महीने के अंत में बुजुर्गों से संपर्क कर उनका हालचाल पूछे।