ब्यूटीशियन अनीता मर्डर केस की CBI जांच हुई शुरू, Video में देखें बड़ी खबर

जोधपुर न्यूज़ डेस्क , जोधपुर का ब्यूटीशियन अनीता चौधरी केस एक बार फिर सुर्खियों में है। तीन दिन पहले दिल्ली से जोधपुर पहुंची सीबीआई टीम ने इसकी जांच शुरू कर दी है। इसके तहत शुक्रवार को तकरीबन 7 घंटे तक सीबीआई की टीम ने लालसागर स्थित कैंप ऑफिस में अनीता के पति मनमोहन चौधरी और बेटे राहुल से केस के संबंध में चर्चा की। परिवार ने तैयब अंसारी को मास्टरमाइंड करार दिया।
गुलामुद्दीन-तैयब की बातचीत के सबूत जुटाए जा रहे
सीबीआई सूत्रों के अनुसार- अनीता चौधरी को 27 अक्टूबर की दोपहर गंगाणा बुलाने से पहले गुलामुद्दीन और तैयब अंसारी के बीच मोबाइल या अन्य प्लेटफार्म के माध्यम से बातचीत हुई थी। इसके सबूत भी जुटाए जा रहे हैं, ताकि परिवार की आशंका की पुष्टि हो सके। सीबीआई दो दिन से जोधपुर पुलिस से मिले रिकॉर्ड को भी बारीकी से जांच रही है, जिसमें केस से जुड़े पहलू को समझा जा सके।
सहेली की भूमिका पर परिवार से चर्चा
सूत्रों की मानें तो शुक्रवार को मनमोहन चौधरी और राहुल से जानकारी लेने के दौरान सीबीआई ने तैयब अंसारी को लेकर परिवार की आशंकाओं पर सर्वाधिक चर्चा की। इसके अलावा अनीता की सहेली सुनीता उर्फ सुमन की इस केस में भूमिका संदिग्ध माने जाने के आधार पर भी बात हुई।ऐसे में यही माना जा रहा है कि सीबीआई भी पुलिस की अब तक की इन्वेस्टिगेशन को ही आगे बढ़ाने की बजाय नए सिरे से तथ्यों की छानबीन करने में जुट चुकी है। इसी क्रम में अब सीबीआई जल्द ही जेल मे बंद हत्या के आरोपी गुलामुद्दीन और उसकी पत्नी आबेदा को भी प्रोडक्शन वारंट पर लेकर पूछताछ करेगी और इनसे अलग-अलग और आमने-सामने बिठाकर भी तथ्यों को क्रॉस चेक करेगी।
नामजद होने से पहले तैयब अंसारी को तलब करने पर भी फोकस
सीबीआई सूत्रों के अनुसार अनीता के परिजनों से जानकारी में सामने आया कि पुलिस ने तैयब अंसारी का नाम केस में आने से पहले उसे तलब करने को लेकर उठाए गए सवालों पर भी फोकस कर रही है। इसके लिए जरूरत पड़ने पर सीबीआई तैयब अंसारी, उसकी पत्नी आबेदा और गुलामुद्दीन व उसकी पत्नी को आमने-सामने भी कर सकती है।
सुपारी की राशि और इससे जुड़े लेन-देन पर भी नजर
मनमोहन चौधरी की ओर से हाईकोर्ट में पेश याचिका और सीबीआई को भी पूछताछ के दौरान तैयब अंसारी को मास्टर माइंड बताते हुए 10 लाख रुपए में अनीता की हत्या की सुपारी देने की बात कही। साथ ही यह भी कहा गया कि तय राशि में से 7 लाख रुपए गुलामुद्दीन को मिले थे और उसने इसमें से 3 लाख रुपए अपने साले से ली कर्ज राशि वापस भी चुकाई थी। इन्हीं आरोपों को लेकर सीबीआई अब अन्य व्यक्तियों से भी पूछताछ कर सकती है।