Jodhpur मिट्टी में पाए जाने वाले बैक्टीरिया लोगों को कर रहे बीमार, एम्स ने शुरू की जांच
जोधपुर न्यूज़ डेस्क, जोधपुर एशिया,आस्ट्रेलिया व भारत के कुछ भागों में पाई जाने वाली गंभीर बीमारी मिलियोडोसिस के मरीज इन दिनों जोधपुर में भी मिल रहे हैं। गत डेढ़ वर्षों में जोधपुर में चार मरीज मिल चुके हैं, जिनमें से एक की मौत व एक मरीज वर्तमान में उपचाराधीन है। उचित इलाज के अभाव में इस बीमारी की मृत्यु दर 16 से 50% तक निर्धारित है। ये दुर्लभ बीमारी मिट्टी में पाई जाती है, जिसमें बैक्टीरिया बुरकहोलडेरिया सयूडोमेल्लाई से श्वास द्वारा द्वारा शरीर में प्रवेश कर रोग पैदा करता है।
इस बीमारी के मद्देनजर एम्स जोधपुर के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में मिलियोडोसिस की पीसीआर जांच गत अक्टूबर से शुरू हो चुकी है। पूरे राजस्थान में इसकी जांच एम्स जोधपुर में ही होती है। यह बीमारी मिट्टी में पाए जाने वाले बैक्टीरिया बुरकहोलडेरिया सयूडोमेल्लाई से श्वास के जरिए शरीर में प्रवेश करती है। एम्स जोधपुर में माइक्रोबायोलॉजी विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉ. विभोर टाक बताते हैं कि कभी कभार यह संक्रमित मिट्टी के संपर्क में आने से भी शरीर में चोट व कटे हुए त्वचा द्वारा प्रवेश कर सकता है। ज्यादातर मरीजों में बुखार, सांस में तकलीफ व खांसी के साथ निमोनिया करता है। यह बीमारी उचित इलाज के अभाव में रक्त प्रवाह द्वारा किसी भी और अंगो जैसे यकृत,तिल्ली व हड्डियों में मवाद पैदा कर सकता है। उचित इलाज न मिलने पर या जानलेवा भी हो सकता है।
डॉ. टाक के अनुसार इस बीमारी की जल्द जांच व उचित व पूर्ण 2 महीने के इलाज से इस रोग के अच्छे परिणाम संभव है। अब तक एम्स जोधपुर में इस बीमारी के चार रोगी मिले हैं। इनमें दो जोधपुर, एक जालोर व एक पाली निवासी है। दो मरीज स्वस्थ होकर एम्स से डिस्चार्ज हो चुके है। एक मरीज उपचाराधीन है और एक महिला की पहले मौत हो चुकी है। इनमें सभी रोगी श्वास के द्वारा निमोनिया के साथ एडमिट हुए थे।