राजस्थान में भ्रष्टाचार पर वार! घूस लेने वाले एसई को ACB कोर्ट ने भेजा सलाखों के पीछे, लगाया इतना मोटा जुर्माना

जोधपुर न्यूज़ डेस्क - जोधपुर के विशिष्ट न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) संख्या 2 ने डेढ़ लाख रुपए की रिश्वत मांगने के मामले में जोधपुर डिस्कॉम के अधीक्षण अभियंता (सिविल) प्रकाशचंद जैन को तीन साल की सजा व 50 हजार रुपए जुर्माने के आदेश दिए हैं। जैन ने लोक सेवक की हैसियत से 24 जुलाई 2014 को पचार बिल्डर्स विजय नगर के संचालक मुरलीधर पचार से उसकी फर्म का बिल पास करने की एवज में रिश्वत मांगी थी। दरअसल विजय नगर की फर्म पचार बिल्डर्स ने जोधपुर डिस्कॉम के एसई (सिविल) जोधपुर के अधीन विभिन्न कार्य कराए थे और इसका एक बिल 33 केवी सब पोस्ट भवन व चारदीवारी निर्माण से संबंधित था।
इस बिल की कुल राशि 11 लाख 17 हजार रुपए का भुगतान करवाने की एवज में तत्कालीन एसई प्रकाशचंद जैन ने 1 लाख 70 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। इस पर ठेकेदार फर्म के संचालक मुरलीधर पचार ने इसकी शिकायत एसीबी में की थी। एसीबी टीम ने रिश्वत मामले का सत्यापन किया तो 1.50 लाख रुपए की रिश्वत मांगे जाने की पुष्टि हुई। इस मामले में राज्य सरकार की ओर से कुल 19 गवाह पेश किए गए तथा अभियोजन पक्ष की ओर से 51 दस्तावेज व 6 आलेख पेश किए गए।
एसीबी कोर्ट संख्या 2 जोधपुर में सहायक निदेशक (अभियोजन) दिनेश तिवारी द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजी व मौखिक साक्ष्य व तर्कों से सहमत होते हुए विशिष्ट न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम संख्या 2, जोधपुर मधुसूदन मिश्रा ने अपराध संख्या 399/2014, प्रकरण संख्या 35/21 सरकार बनाम प्रकाशचंद जैन पुत्र नूरचंद जैन, निवासी मालियों का बास, मीरपुरा बाड़मेर, तत्कालीन अधीक्षण अभियंता (सिविल) जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, जोधपुर में फैसला सुनाते हुए आरोपी प्रकाशचंद जैन को भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत दोषी करार देते हुए धारा 7 पीसी एक्ट के तहत 3 वर्ष के साधारण कारावास व 50 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना अदा न करने पर 6 माह का अतिरिक्त कारावास का दंड दिया गया।