यौन शोषण मामले में फंसे आसाराम की अंतरिम जमानत पर आज इतने बजे होगी सुनवाई, जाने क्या है प्राइवेट अस्पताल में भर्ती होने का कारण
नाबालिग से यौन शोषण के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम की अंतरिम जमानत पर सोमवार को जोधपुर स्थित हाईकोर्ट की मुख्य पीठ में सुनवाई होगी। आसाराम की अंतरिम जमानत बढ़ाने पर सुनवाई जस्टिस दिनेश मेहता और विनीत कुमार की खंडपीठ में होगी। यह सुनवाई दोपहर 2 बजे होगी। इससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि आसाराम को अंतरिम जमानत मिलेगी या नहीं। मामले में पिछली सुनवाई 2 अप्रैल को हुई थी। आसाराम के खिलाफ पीड़िता की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता पीसी सोलंकी ने आसाराम पर प्रवचन न देने की सुप्रीम कोर्ट की शर्त का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था। इसके बाद हाईकोर्ट में याचिका के दौरान आसाराम से हलफनामा मांगा गया था। जिसे सोमवार को उनके वकील कोर्ट में पेश करेंगे। कोर्ट ने पूछा था कि अंतरिम जमानत मिलने के बाद आसाराम ने प्रवचन दिए या नहीं। पीड़िता से भी हलफनामा मांगा गया था। पीड़िता पक्ष का कहना है कि आसाराम ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई अंतरिम जमानत की हिदायतों का उल्लंघन किया है। आपको बता दें कि इससे पहले 1 अप्रैल को आसाराम ने जेल में सरेंडर किया था। इसके बाद 1 अप्रैल को देर शाम आसाराम को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तब से वह अस्पताल में ही है।
आसाराम एक निजी अस्पताल में भर्ती है
अंतरिम जमानत अवधि समाप्त होने के बाद मंगलवार (1 अप्रैल) दोपहर 1.30 बजे आसाराम ने जोधपुर सेंट्रल जेल में सरेंडर किया। यहां करीब 10 घंटे रहने के बाद उसे रात 11:30 बजे पाली रोड स्थित एक निजी अस्पताल (आरोग्यम) में शिफ्ट कर दिया गया। आसाराम को अस्पताल में क्यों भर्ती कराया गया, इसकी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई।
गुजरात हाईकोर्ट से मिली 3 महीने की अंतरिम जमानत
इससे पहले गुजरात हाईकोर्ट से आसाराम को 3 महीने की अंतरिम जमानत मिल गई थी। इसी आधार पर मंगलवार को राजस्थान हाईकोर्ट खुलने पर आसाराम के वकील निशांत बोरदा ने पहले दायर अर्जी पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया।
गुजरात हाईकोर्ट ने दी 3 महीने की जमानत, 2 प्वाइंट में समझें पूरा मामला
विस्तार की अर्जी लंबित: आसाराम की ओर से पहले राजस्थान हाईकोर्ट में नियमित जमानत के लिए याचिका दायर की गई थी। इसमें राहत मिलने की उम्मीद नहीं होने पर याचिका वापस ले ली गई। इसके बाद अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने के लिए दूसरी याचिका दायर की गई। राजस्थान हाईकोर्ट ने पहले आसाराम को गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दायर करने को कहा। जोधपुर में पेश याचिका पर 27 मार्च को सुनवाई होनी थी, लेकिन तब तक गुजरात हाईकोर्ट का फैसला नहीं आया था। इसके चलते इस याचिका को लंबित रखा गया है। गुजरात हाईकोर्ट के फैसले में 2 जजों ने हां, एक ने ना कहा: गुजरात में 25 मार्च को सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। 28 मार्च को फैसला सुनाया गया, लेकिन दो जजों की बेंच में एक जज के हां और दूसरे के ना कहने के कारण अनिर्णय की स्थिति पैदा हो गई। फिर गुजरात हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने केस दूसरे जज को ट्रांसफर कर दिया। तीसरे जज द्वारा आसाराम को अंतरिम जमानत दिए जाने के निर्णय पर दो-एक के अनुसार फैसला आसाराम के पक्ष में हुआ।
जोधपुर-गांधीनगर कोर्ट ने अपने फैसलों में उसे दोषी माना था
जोधपुर कोर्ट: जोधपुर के मणाई आश्रम में नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में 2 सितंबर 2013 को जोधपुर पुलिस ने इंदौर आश्रम से आसाराम को गिरफ्तार किया था। 25 अप्रैल 2018 को जोधपुर की विशेष पोक्सो कोर्ट ने उसे दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
गांधीनगर कोर्ट: गुजरात के गांधीनगर स्थित आश्रम की एक महिला ने आसाराम के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था। 31 जनवरी 2023 को कोर्ट ने इस मामले में आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
अंतरिम जमानत पर आसाराम की यात्रा...
जोधपुर मामले में 14 जनवरी को आसाराम को 31 मार्च तक अंतरिम जमानत मिली थी। आदेश की रात वह जोधपुर के पाल गांव स्थित आश्रम पहुंचा था। वहां 9 दिन रुकने के बाद आसाराम अहमदाबाद के लिए रवाना हो गए। रास्ते में वे गुजरात के सुमेरपुर, कलोल, मेहसाणा, मोटेरा आश्रमों में भी रुके। इसके बाद वे अहमदाबाद आश्रम पहुंचे।
12 साल बाद आसाराम वापस उसी जगह पहुंचे, जहां से उन्हें गिरफ्तार किया गया था
जानकारी के मुताबिक, आसाराम कई दिनों तक गुजरात के अलग-अलग आश्रमों में घूमने के बाद 12 साल बाद उसी इंदौरा आश्रम पहुंचे, जहां से उन्हें गिरफ्तार किया गया था। 18 फरवरी की रात करीब 9 बजे वे इंदौर के खंडवा रोड स्थित बिलावली आश्रम पहुंचे। 12 साल पहले 31 अगस्त 2013 को जोधपुर पुलिस की टीम ने इसी आश्रम से आसाराम को गिरफ्तार किया था। उस दौरान जोधपुर में केस दर्ज होने के बाद आसाराम चार दिन तक अपने इंदौर आश्रम में छिपे रहे थे। उन्हें गिरफ्तार करने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी।
15 मार्च को जोधपुर आश्रम लौटे
देश के अलग-अलग आश्रमों में पहुंचने के बाद आसाराम 15 मार्च को जोधपुर आश्रम लौटे। इसके बाद वह यहीं रहे और 1 अप्रैल की दोपहर को आत्मसमर्पण करने के लिए वापस जेल पहुंचे।
