10 घंटे पहले जेल में सरेंडर के बाद फिर बिगड़ी आसाराम की हालत, आधी रात हॉस्पिटल में किया गया एडमिट, जानिए क्या है वजह ?
नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले आसाराम की अंतरिम जमानत की याचिका पर आज (बुधवार) सुनवाई होगी। अंतरिम जमानत अवधि समाप्त होने के बाद आसाराम ने मंगलवार (1 अप्रैल) दोपहर 1.30 बजे जोधपुर सेंट्रल जेल में सरेंडर कर दिया। यहां करीब 10 घंटे रहने के बाद रात 11:30 बजे उसे पाली रोड स्थित एक निजी अस्पताल (आरोग्यम) में शिफ्ट कर दिया गया। आसाराम को अस्पताल में क्यों भर्ती कराया गया है, इसकी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।
गुजरात हाईकोर्ट से मिली थी 3 महीने की अंतरिम जमानत
इससे पहले गुजरात हाईकोर्ट से आसाराम को 3 महीने की अंतरिम जमानत मिली थी। इसी आधार पर मंगलवार को राजस्थान हाईकोर्ट खुलने पर आसाराम के वकील निशांत बोरदा ने पहले दायर अर्जी पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया। कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के लिए 2 अप्रैल की तारीख तय की है। राजस्थान हाईकोर्ट इस याचिका पर सुनवाई करेगा और तय करेगा कि आसाराम को मेडिकल आधार पर अंतरिम जमानत दी जाए या नहीं। अगर कोर्ट अंतरिम जमानत अवधि नहीं बढ़ाता है तो आसाराम को जेल में ही रहना पड़ेगा। गुजरात मामले में अगर उन्हें अंतरिम जमानत मिल भी गई है, तो भी जब तक उन्हें दोनों मामलों में राहत नहीं मिल जाती, तब तक वे जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे।
गुजरात हाईकोर्ट ने दी 3 महीने की जमानत, 2 प्वाइंट में समझें पूरा मामला
लंबित है जमानत की अर्जी: आसाराम की ओर से पहले राजस्थान हाईकोर्ट में नियमित जमानत के लिए याचिका दायर की गई थी। इसमें राहत मिलने की उम्मीद नहीं होने पर याचिका वापस ले ली गई। इसके बाद अंतरिम जमानत बढ़ाने के लिए दूसरी याचिका दायर की गई। राजस्थान हाईकोर्ट ने आसाराम को पहले गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दायर करने को कहा। जोधपुर में पेश याचिका पर 27 मार्च को सुनवाई होनी थी, लेकिन तब तक गुजरात हाईकोर्ट का फैसला नहीं आया था। इसके चलते इस याचिका को लंबित रखा गया है।गुजरात हाईकोर्ट के फैसले में 2 जजों ने हां, एक ने ना कहा: 25 मार्च को गुजरात में सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। 28 मार्च को फैसला सुनाया गया, लेकिन दो जजों की बेंच में एक जज की हां और दूसरे की ना के चलते अनिर्णय की स्थिति पैदा हो गई। इसके बाद गुजरात हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने मामले को दूसरे जज के पास ट्रांसफर कर दिया।
तीसरे जज ने दो-एक के आधार पर आसाराम को अंतरिम जमानत देने का फैसला सुनाया। जोधपुर-गांधीनगर कोर्ट के फैसलों में उसे दोषी पाया गया जोधपुर कोर्ट: जोधपुर के मणाई आश्रम में नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में 2 सितंबर 2013 को जोधपुर पुलिस ने इंदौर आश्रम से आसाराम को गिरफ्तार किया था। 25 अप्रैल 2018 को जोधपुर की विशेष पोक्सो कोर्ट ने उसे दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। गांधीनगर कोर्ट: गुजरात के गांधीनगर स्थित आश्रम की एक महिला ने आसाराम के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था। कोर्ट ने इस मामले में 31 जनवरी 2023 को आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। अंतरिम जमानत पर आसाराम की यात्रा... जोधपुर से सुमेरपुर, कलोल, मेहसाणा होते हुए अहमदाबाद पहुंचे जोधपुर मामले में आसाराम को 14 जनवरी को 31 मार्च तक के लिए अंतरिम जमानत मिल गई थी। आदेश की उसी रात वह जोधपुर के पाल गांव स्थित आश्रम पहुंचा। वहां 9 दिन रुकने के बाद आसाराम अहमदाबाद के लिए रवाना हुआ। रास्ते में वह गुजरात के सुमेरपुर, कलोल, मेहसाणा, मोटेरा आश्रमों में भी रुका। इसके बाद वह अहमदाबाद आश्रम पहुंचा।
12 साल बाद आसाराम वापस उसी जगह पहुंचा, जहां से उसे गिरफ्तार किया गया था
जानकारी के मुताबिक, आसाराम कई दिनों तक गुजरात के अलग-अलग आश्रमों में घूमने के बाद 12 साल बाद उसी इंदौर आश्रम पहुंचा, जहां से उसे गिरफ्तार किया गया था। 18 फरवरी की रात करीब 9 बजे वह इंदौर के खंडवा रोड स्थित बिलावली आश्रम पहुंचा। 12 साल पहले 31 अगस्त 2013 को जोधपुर पुलिस की टीम ने इसी आश्रम से आसाराम को गिरफ्तार किया था। उस दौरान जब जोधपुर में मामला दर्ज हुआ था, तब आसाराम चार दिन तक अपने इंदौर आश्रम में छिपा रहा था। उसे गिरफ्तार करने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी।
15 मार्च को जोधपुर आश्रम लौटे
आसाराम देश के अलग-अलग आश्रमों में भ्रमण करने के बाद 15 मार्च को जोधपुर आश्रम लौटे थे। इसके बाद वे यहीं रुके और 1 अप्रैल की दोपहर को सरेंडर करने के लिए वापस जेल पहुंचे।नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले आसाराम ने जोधपुर जेल में सरेंडर कर दिया है। पैर में प्लास्टर लगाकर पहुंचे आसाराम की अंतरिम जमानत 31 मार्च को खत्म हो गई थी। आसाराम के वकील ने जमानत अवधि बढ़ाने के लिए याचिका दायर की है, जिस पर कोर्ट 2 अप्रैल को सुनवाई करेगा।
