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11 साल बाद जेल से बाहर आएगा रेप का दोषी आसाराम बापू, वीडियो में जानें पूरा मामला

 
11 साल बाद जेल से बाहर आएगा रेप का दोषी आसाराम बापू, वीडियो में जानें पूरा मामला 

जोधपुर न्यूज़ डेस्क, जोधपुर सेंट्रल जेल में रेप के आरोप में आजीवन सजा काट रहे आसाराम को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है। आसाराम को सूरत के अपने आश्रम में महिला अनुयायी से रेप के मामले में 31 मार्च तक बेल मिली है। हालांकि, उसके जेल से बाहर निकलने की संभावना नहीं है, क्योंकि ​​​​​​आसाराम नााबलिग से रेप का भी दोषी है। फिलहाल, वह जोधपुर सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। आसाराम को बीते 5 महीने में तीन बार पैरोल भी मिल चुकी है।

जोधपुर सेंट्रल जेल में रेप के आरोप में आजीवन सजा काट रहे आसाराम (83) को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है। आसाराम को सूरत के अपने आश्रम में महिला अनुयायी से रेप के मामले में 31 मार्च तक बेल मिली है।हालांकि, उसके जेल से बाहर निकलने की संभावना नहीं है, क्योंकि ​​​​​​आसाराम नााबलिग से रेप का भी दोषी है। फिलहाल वह जोधपुर सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। आसाराम को बीते 5 महीने में तीन बार पैरोल भी मिल चुकी है।

वकील बोले- बाहर नहीं आ सकता

आसाराम के वकील आरएस सलूजा ने बताया- मंगलवार (7 जनवरी) सुप्रीम कोर्ट से पहली बार जमानत दी गई है। आसाराम जमानत के बावजूद बाहर नहीं आ पाएगा।रेप का यह केस गांधीनगर के पास आसाराम के आश्रम में रहने वाली महिला ने दर्ज करवाया था। जमानत पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि आसाराम अपने फॉलोअर्स से नहीं मिल सकता है। वह केस के सबूतों से छेड़छाड़ की कोशिश भी नहीं करेगा।

आसाराम 2 मामलों में गुनहगार : जोधपुर और गांधीनगर कोर्ट के फैसलों में भी दोषी

जोधपुर कोर्ट: आसाराम को जोधपुर पुलिस ने इंदौर के आश्रम से साल 2013 में गिरफ्तार किया था। इसके बाद से आसाराम जेल में बंद था। पांच साल तक लंबी सुनवाई के बाद 25 अप्रैल 2018 को कोर्ट ने आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

गांधीनगर कोर्ट: आसाराम के खिलाफ गुजरात के गांधीनगर में आश्रम की एक महिला ने रेप का मामला दर्ज करवाया था। कोर्ट ने 31 जनवरी 2023 को इस मामले में आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

जेल में की थी महिला वैद्य की मांग

आसाराम को जोधपुर सेंट्रल जेल भेजे जाने से पहले मेडिकल चेकअप करवाया गया था तब वह स्वस्थ था। उसे कोई भी बीमारी नहीं थी। जेल में जाने के एक महीने बाद ही आसाराम ने पहली बार अपनी त्रिनाड़ी शूल बीमारी का जिक्र किया था। 4 सितंबर 2013 को याचिका लगाते हुए कहा था, 'करीब साढ़े 13 साल से मैं त्रिनाडी शूल नाम की बीमारी से ग्रसित हूं।मेरा इलाज पिछले 2 से 3 वर्ष से महिला वैद्य नीता कर रही थी। मेरे इलाज के लिए नीता को 8 दिन तक सेंट्रल जेल में आने की अनुमति दी जाए। इस पर मेडिकल बोर्ड से आसाराम का चेकअप करवाया था। डॉक्टर को ऐसी कोई बीमारी मिली ही नहीं थी।'