Jodhpur में PHED के रिटायर्ड SE ने हड़प ली 55 बीघा जमीन, पत्नी, बेटों व बहू के नाम कराई रजिस्ट्री, पीड़ित किसान भटक रहा
जोधपुर न्यूज़ डेस्क,जोधपुर में पीएचईडी के सेवानिवृत्त अधीक्षण अभियंता (एसई) के साथ धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। उसने पटवारी के साथ मिलकर काश्तकार की जगह जमीन का मालिक होने का नाटक कर 55 बीघा जमीन हड़प ली।
पाल लिंक रोड प्लॉट-42 निवासी सेवानिवृत्त एसई रंजीत मल सिंघवी ने लूनी तहसील के नंदवान गांव सिंगड़ों का बास निवासी किसान कानाराम जाट की जमीन हड़प ली। किसान के 68 बीघे 6 बिस्वा में से 55 बीघा जमीन के दस्तावेज फर्जी तरीके से किए गए।
किसी को शक करने के लिए आरोपी रंजीत मल ने अपनी पत्नी, तीन बेटों और बहू के नाम अकाउंट रजिस्टर कराया था। नियमानुसार 25 लाख की रजिस्ट्री पर तहसीलदार को जगह का निरीक्षण करना होता है। इससे बचने के लिए 5 माह पूर्व 28, 29 व 31 मार्च 13 को 3 बीघा 14 बिस्वा भूमि के 13 टुकड़े अलग-अलग दर्ज कराये गये थे। मामला राजस्व गांव हिरखेड़ा के नंदवान में खसरा नंबर 94 का है।
जमाबंदी खाता देखा तो उड़े होश
इस फर्जीवाड़े में सिंघवी ने रजिस्ट्री के बाद म्यूटेशन भरने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी। जिसमें 8 बीघा जमीन का फर्जी सरेंडर-नाम भी तैयार किया गया था। जुलाई में, जब किसान कानाराम ने ई-मित्र से जमाबंदी के लिए अपने खाते की जाँच की, तो उनके नाम पर भूमि चिह्नित की गई थी। लेकिन अगस्त में हिसाब-किताब देखकर उसके होश उड़ गए। उत्परिवर्तन संख्या 729 संक्रमण की प्रक्रिया में बताया जाता है। कानाराम ने इसके बाद तहसीलदार और एसडीएम गोपाल परिहार को सूचित किया। लेकिन 5 दिन तक मामला अटका रहा।
फोटो, आधार कार्ड, अंगूठे का निशान सब फर्जी
इस जमीन को हथियाने के लिए सिंघवी ने पटवारी मांगिलाल बिश्नोई के साथ गठबंधन किया। इसके बाद सलवास में दर्जी अर्जुनराम पुत्र भूराराम देवासी, नंदवन निवासी कानाराम पुत्र बस्तीराम ने अपनी पत्नी सुनीता, पुत्र अभिमन्यु, सिद्धार्थ और पुत्रवधू यश के नाम 55 बीघा जमीन जमाबंदी के रूप में दर्ज करायी. - लॉ ऋचा सिंघवी।
जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी में कानाराम के रूप में दर्ज किया गया फोटो और अंगूठा फर्जी था। अंगूठे के निशान के समय दिया गया आधार नंबर कानाराम जाट के नाम पर नहीं बल्कि श्याम लाल सोनी के पुत्र जगन्नाथ के नाम पर है। हालांकि पटवारी ने आवेदन पर कानाराम के नकली अंगूठे के निशान से हस्ताक्षर करवाए।
पटवारी ने सरेंडर रिपोर्ट तहसीलदार को सौंपी। इस संबंध में नक्शा पास कर उस पर कानाराम का नकली अंगूठे का निशान लगवाकर पटवारी ने खुद को पहचानकर्ता के तौर पर हस्ताक्षर कर आंशिक नक्शा तैयार किया, जबकि कानाराम के खाते में कोई लेन-देन नहीं हुआ।
एसडीएम ने कहा कि एफआईआर या सिविल सूट की कॉपी देने पर रोक रहेगी
किसान कानाराम जाट के पोते प्रदीप ने निवेश के लिए एसडीएम गोपाल परिहार से मुलाकात की। उन्होंने स्पष्ट किया कि ठहरने के लिए सबूत की आवश्यकता होती है। इसके लिए एफआईआर की कॉपी या रजिस्ट्री रद्द करने के लिए दीवानी वाद दाखिल किया जाए। इसकी एक प्रति रखें। इसके बाद प्रदीप ने कई दिनों तक साक्ष्य जुटाए और प्राथमिकी दर्ज कराई।
पटवारी ने जालसाजी करना स्वीकार किया
इस बारे में पटवारी मांगिलाल बिश्नोई ने कहा कि अर्जुन राम देवासी द्वारा फर्जी आम मुख्तार नामा बनाने और अपने नाम से जमीन दिलाने का मामला उनके संज्ञान में आया है। जोधपुर में रंजीत मल सिंघवी नाम के एक सेवानिवृत्त एसई ने अपनी पत्नी, बेटे और बहू के नाम लिखे एक दस्तावेज से जमीन अपने नाम कर ली। हालांकि उन्होंने खुद इस मामले में कोई भूमिका होने से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि कोई भी आरोप लगा सकता है।