Jodhpur में 50 चौराहों पर लेफ्ट टर्न नहीं, 58 पर बेहद संकरा
जोधपुर न्यूज़ डेस्क, शहर में 120 से अधिक बड़े और छोटे चौराहे हैं, लेकिन एक भी चौराहा तकनीकी रूप से मजबूत नहीं है। सबसे बड़ी खामी यह है कि चौराहे पर बाएं मुड़ने के लिए जगह बची है। 50 चौराहे ऐसे हैं जहां बाएं मुड़ने के लिए जगह नहीं है।
58 चौराहे पर एक बाएं मोड़ है, लेकिन यह इतना संकरा है कि यहां तक कि कारें भी आराम से नहीं गुजर सकतीं। नियम के अनुसार 150 मीटर की दूरी से चालक को बायां मोड़ दिखाई देना चाहिए, लेकिन किसी भी चौराहे पर बाएं मोड़ की दृश्यता इतनी नहीं है।
इस कारण चौराहे पर जाम की स्थिति बनी रहती है। कतार इतनी लंबी हो जाती है कि पार करने से पहले लोगों को कई बार सिग्नल के दो बार ग्रीन होने का इंतजार करना पड़ता है। फिर चररास्ता से शुरू होने वाला जाम सड़क के एक लंबे हिस्से पर कब्जा कर लेता है।
दरअसल, न्यू रोड, पावटा, जलजोग, मेडिकल कॉलेज, जालोरी गेट, सोजती गेट, रेलवे स्टेशन, भाटी स्क्वायर और अखलिया स्क्वायर सहित 35 प्रमुख चौराहों पर दिन में कई बार जाम लगता है।
मीडिया ने जब इन चौराहों का जायजा लिया तो लेफ्ट टर्न की एक बड़ी खामी सामने आई। इस वजह से वाहन चालक हरी झंडी का बायें मुड़ने का इंतजार करते दिखे। इन वाहनों के चलते चार सड़कों पर लंबी कतारें लग गईं। अगर लेफ्ट टर्न सही है तो ये वाहन बिना रुके गुजर सकते हैं।
मेडिकल कॉलेज : होटल ने लेफ्ट टर्न की जगह बनाई पार्किंग
जलजोग से एमडीएमएच की ओर जाते समय मेडिकल कॉलेज चौराहे के लिए जगह बची है, लेकिन वहां एक होटल की पार्किंग है। ऐसे में जब पीक आवर्स में ट्रैफिक बढ़ जाता है तो बाईं ओर सड़क नहीं होती। सिग्नल पर अनिवार्य रोक।
35 प्रमुख चौराहों से रोजाना 3 लाख वाहन गुजरते हैं, जिससे पीक आवर्स में हर सड़क जाम हो जाती है।
नई सड़क पर कोई बाएं मोड़ नहीं बनाया गया था। बाईं ओर से बाहर निकलने के लिए जगह की कमी के कारण वाहन बेवजह सिग्नल पर फंस जाते हैं। ट्रैफिक पुलिस ने कंट्रोल रूम के सामने चार सड़कों पर बैरिकेडिंग कर वैकल्पिक व्यवस्था की है, लेकिन लोग अपने वाहन वहीं पार्क कर देते हैं।