हाईकोर्ट की अवमानना का मामला! राजस्थान के 3 IAS पर गिरी गाज, यहां विस्तार से जानिए क्या है पूरा मामला ?

जोधपुर न्यूज़ डेस्क - राजस्थान हाईकोर्ट ने पूर्व के आदेश की अवमानना के मामले में तीन आईएएस अफसरों का वेतन और पेंशन रोकने का आदेश दिया है। साथ ही जोधपुर पीठ ने कार्मिक विभाग के प्रमुख सचिव को नोटिस जारी कर 25 मार्च को व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा है। हाईकोर्ट ने यह फैसला उदयपुर में कलेक्टर और संभागीय आयुक्त कार्यालय के रमेश औधीच्य और आठ अन्य कर्मचारियों की ओर से दायर अवमानना याचिका पर दिया है। अब मामले में अगली सुनवाई 25 फरवरी 2025 को होगी।
2021 में पहले दिया था आदेश
दरअसल, हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर कर कहा गया था कि उन्हें 13 अगस्त 1987 को उनकी प्रारंभिक नियुक्ति से ही स्थायी कर दिया गया था और उन्हें प्रथम और द्वितीय चयन ग्रेड स्केल प्रदान किया गया था। लेकिन, जब उन्हें तृतीय चयन ग्रेड स्केल देने से मना कर दिया गया तो कर्मचारियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इस पर हाईकोर्ट की एकलपीठ ने 23 सितंबर 2021 को आदेश दिया था कि 27 वर्ष बाद देय तृतीय चयन ग्रेड स्केल की गणना समस्त नकद लाभों के अतिरिक्त 12 अगस्त 2014 से की जाए तथा निर्णय के तीन माह के भीतर इसका वितरण किया जाए। उस समय खंडपीठ ने बढ़े हुए वेतन व संबंधित लाभों का बकाया 31 मार्च 2022 तक भुगतान करने के भी स्पष्ट निर्देश दिए थे। हालांकि, वेतनमान व बकाया नहीं मिलने पर अवमानना करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की गुहार लगाते हुए हाईकोर्ट से अवमानना याचिका दायर की गई थी।
इन 3 आईएएस का वेतन रोका
जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने साढ़े तीन वर्ष बीत जाने के बावजूद चयनित वेतनमान व बकाया का भुगतान न करने व अनुपालन न करने को गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिए कि वह तीन आईएएस अधिकारियों कार्मिक विभाग के तत्कालीन सचिव हेमंत गेरा, उदयपुर के तत्कालीन संभागीय आयुक्त राजेंद्र कुमार भट्ट व उदयपुर के तत्कालीन जिला कलेक्टर ताराचंद मीना का वेतन बिना अनुमति के स्थानांतरित न करे।