विशेष पोक्सो न्यायालय ने नाबालिग से रेप के मामले में आरोपी को दोषी ठहराया
अलवर-झुंझुनूं जिले के खुड़िया थाना इलाके से संबंध रखने वाले एक आरोपी दीपक (पुत्र जगदीश, निवासी खुड़िया, थाना मण्डेला) को, नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में, विशेष न्यायाधीश-पोक्सो न्यायालय द्वारा दोषी करार दिया गया है। अदालत ने मुकदमे की सुनवाई के बाद पाया कि अभियुक्त पर लगे आरोप सही व प्रमाणित हैं।
क्या है मामला
पीड़िता (नाबालिग) की शिकायत व जांच के बाद यह मामला दर्ज किया गया था। Protection of Children from Sexual Offences Act, 2012 (पोक्सो) की प्रावधानों के तहत दायर किए गए इस केस में, अदालत ने सुनवाई के दौरान मेडिकल, फोरेंसिक और गवाहों के बयानों को गंभीरता से लिया। पोक्सो कानून बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराधों के लिए विशेष न्यायालय व्यवस्था प्रदान करता है।
अदालत का फैसला
विशेष न्यायाधीश ने अभियुक्त दीपक को “दोषी” ठहराते हुए पोक्सो एवं अन्य लागू धाराओं के तहत सज़ा तय करेगी। कोर्ट का स्पष्ट कहना है कि ऐसे अपराधों में नाबालिगों की सुरक्षा, उनकी गरिमा और न्याय सुनिश्चित करना न्यायपालिका की संवेदनशील प्राथमिकता है।
पोक्सो का महत्व और संवेदनशीलता
पोक्सो अधिनियम ऐसे अपराधों को तय-शुदा प्रक्रिया में लाता है — जिसमें बच्चे की रक्षा, गवाहों की सुरक्षा, तेज़ सुनवाई और यथासंभव ‘चाइल्ड-फ्रेंडली’ माहौल बनाए रखना शामिल है। अदालत द्वारा फैसला आने से यह संदेश जाता है कि नाबालिगों के साथ यौन अपराधों के खिलाफ न्यायालय और समाज दोनों ही सख्त ह posture.
सामाजिक संदेश
इस निर्णय से साफ हो गया है कि बच्चों के यौन शोषण या बलात्कार जैसे अपराधों में न्याय व्यवस्था पूरी तत्परता से दंड सुनिश्चित करेगी। साथ ही — ऐसी घटनाओं में दोषियों को कठोर सज़ा देने में देरी नहीं की जाएगी।
