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26 साल बाद आई क़र्ज़ वसूली की याद! राजस्थान के स्वास्थ्यकर्मियों को मिला रिकवरी नोटिस, अब देनी होगी मूल राशि से चार गुना रकम

 
26 साल बाद आई क़र्ज़ वसूली की याद! राजस्थान के स्वास्थ्यकर्मियों को मिला रिकवरी नोटिस, अब देनी होगी मूल राशि से चार गुना रकम

झुंझुनूं जिले में स्वास्थ्य विभाग ने 26 साल पुराने कर्ज की वसूली शुरू कर दी है। वर्ष 1999 में दिए गए कर्ज के लिए ब्याज सहित 4 गुना से अधिक राशि वसूली जाएगी। सीएमएचओ डॉ. छोटेलाल गुर्जर ने 65 एएनएम को वसूली का नोटिस जारी किया है। ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा होने के बाद प्रदेश के 18 जिलों में कर्ज वसूली की प्रक्रिया शुरू हो गई है। दरअसल, 16 साल पहले केंद्र सरकार ने संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष योजना के तहत बिना ब्याज के 15 हजार रुपए दिए थे। लेकिन इसे चुकाया नहीं गया। अब इस कर्ज को ब्याज सहित वसूलने की तैयारी की जा रही है।

करने होंगे 65 हजार से अधिक

झुंझुनूं जिले की 65 एएनएम को अब करीब 65 हजार 693 रुपए चुकाने होंगे। झुंझुनूं सहित प्रदेश के 18 जिलों के सीएमएचओ को निर्देश दिए गए हैं। आदेश में कहा गया है कि संबंधित एएनएम से यह राशि वसूल की जाए। सीएमएचओ ने बताया कि विभागीय ऑडिट में यह मामला सामने आया है और अब संबंधित अधिकारियों को नियमानुसार वसूली की प्रक्रिया पूरी करने को कहा गया है।

मोपेड खरीदने के लिए दिया गया था लोन

दरअसल, यह लोन योजना उन दिनों चलाई गई थी, जब ग्रामीण क्षेत्रों में महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की पहुंच बढ़ाने के लिए उन्हें मोपेड जैसे निजी वाहन की सुविधा उपलब्ध कराई जानी थी। इसके लिए 15 हजार रुपए का ब्याज मुक्त लोन दिया गया था, ताकि वे अपने स्तर पर मोपेड खरीद सकें। योजना का उद्देश्य यह था कि ये एएनएम टीकाकरण, गर्भवती महिलाओं की देखभाल और परिवार नियोजन जैसी सेवाएं दूरदराज के गांवों तक पहुंचा सकें।

पिछले साल ही खुली थी फाइल

चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से कई एएनएम सेवानिवृत्त हो चुकी हैं और कुछ को तो याद ही नहीं है कि उन्होंने कोई लोन लिया था। अब जब अचानक विभागीय नोटिस आया तो सभी हैरान हैं। चिकित्सा विभाग की मानें तो वर्ष 2024-25 की ऑडिट रिपोर्ट में यह मामला सामने आया था, जिसके बाद ही इसकी फाइल दोबारा खोली गई। विभाग का कहना है कि ऋण की राशि नहीं चुकाई गई, इसलिए अब ब्याज सहित वसूली की जाएगी।