बाइपास कार वर्कशॉप आगकांड का मुख्य आरोपी गिरफ्तार, महिला के कपड़ों में पहाड़ों में छुपा था
शहर के चूरू बाइपास क्षेत्र में स्थित एक कार वर्कशॉप में 29 नवंबर की रात को हुए बड़े आगकांड के मुख्य आरोपी अनिल कुमावत उर्फ हांडिया को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी थी, क्योंकि वर्कशॉप में खड़ी 18 कारों पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी गई थी। आग इतनी भीषण थी कि देखते ही देखते सभी वाहन जलकर खाक हो गए। अब पुलिस की सफलता से पीड़ितों को न्याय की उम्मीद जगी है।
क्या था पूरा मामला?
29 नवंबर को देर रात चूरू बाइपास स्थित एक बड़े कार वर्कशॉप में अचानक लपटें उठने लगीं। आस-पास के लोगों ने दमकल विभाग को सूचना दी, जिसके बाद कई दमकल गाड़ियाँ मौके पर पहुंचीं। आग पर काबू पाने में लंबा समय लगा और तब तक वर्कशॉप में खड़ी सभी 18 कारें पूरी तरह जल चुकी थीं। वाहन मालिकों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ।
घटना के बाद पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पता चला कि आग कोई दुर्घटना नहीं, बल्कि सुनियोजित आपराधिक कृत्य था। आरोपी ने पेट्रोल खरीदकर वर्कशॉप में जाकर कारों पर छिड़काव किया और आग लगा दी।
मुख्य आरोपी कैसे आया पुलिस के हत्थे?
जांच के दौरान पुलिस को इस मामले में कई सुराग मिले, जिनके आधार पर पुलिस टीम ने आरोपी की खोज तेज की। आखिरकार पुलिस ने मुख्य आरोपी अनिल कुमावत उर्फ हांडिया को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के अनुसार आरोपी का इस वर्कशॉप के मालिक से पुराना विवाद चल रहा था। इसी रंजिश में उसने इस घटना को अंजाम दिया।
पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि आरोपी से पूछताछ जारी है और यह भी जांच की जा रही है कि इस अपराध में और कौन शामिल था। यह भी संभव है कि आरोपी ने किसी की मदद से यह योजना बनाई हो।
पुलिस की तत्परता से सफलता
इस गंभीर घटना के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी और जांच को तेज कर दिया। पुलिस अधीक्षक ने भी विशेष टीम गठित की, जिसने तकनीकी सहायता और स्थानीय जानकारी के आधार पर आरोपी तक पहुंच बनाई। आरोपी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने माना है कि यह प्रकरण जल्द ही पूरी तरह से उजागर हो जाएगा।
आस-पास के लोगों में राहत, मगर नुकसान बड़ा
हालांकि आरोपी की गिरफ्तारी से लोगों में राहत की भावना है, लेकिन जिन परिवारों की गाड़ियाँ जली हैं, उनके लिए नुकसान की भरपाई आसान नहीं होगी। वाहन मालिकों ने सरकार से आर्थिक सहायता और कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
