महाराष्ट्र एएनसी का बड़ा खुलासा: राजस्थान में मुर्गी फार्म की आड़ में चल रही थी एमडी ड्रग्स फैक्ट्री, 100 करोड़ की सामग्री जब्त
नशे के कारोबार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए महाराष्ट्र पुलिस की एंटी नारकोटिक्स सेल (ANC) ने राजस्थान में एमडी ड्रग्स बनाने वाली अवैध फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। चौंकाने वाली बात यह है कि यह फैक्ट्री एक मुर्गी फार्म की आड़ में संचालित की जा रही थी। कार्रवाई के दौरान एएनसी ने मौके से करीब 10 किलो एमडी ड्रग्स, ड्रग्स निर्माण में इस्तेमाल होने वाली मशीनें, केमिकल और अन्य सामग्री जब्त की है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 100 करोड़ रुपये आंकी जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, महाराष्ट्र एएनसी को लंबे समय से एमडी ड्रग्स की सप्लाई को लेकर राजस्थान कनेक्शन की जानकारी मिल रही थी। इसी आधार पर तकनीकी निगरानी और खुफिया इनपुट के जरिए एक विशेष टीम का गठन किया गया। टीम ने राजस्थान में संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखते हुए एक मुर्गी फार्म पर छापा मारा, जहां अंदर ही अंदर हाई-टेक ड्रग्स फैक्ट्री संचालित हो रही थी।
छापेमारी के दौरान पुलिस ने फैक्ट्री से तैयार एमडी ड्रग्स के अलावा ड्रग्स बनाने में उपयोग किए जाने वाले केमिकल, रिएक्टर मशीन, वजन तौलने की डिजिटल मशीनें, पैकिंग सामग्री और अन्य उपकरण जब्त किए। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि यहां तैयार की गई एमडी ड्रग्स को महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों में सप्लाई किया जाना था, साथ ही अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से जुड़े होने की भी आशंका जताई जा रही है।
एएनसी अधिकारियों का कहना है कि आरोपियों ने कानून से बचने के लिए फैक्ट्री को मुर्गी फार्म के रूप में पंजीकृत कराया था, ताकि किसी को शक न हो। बाहरी तौर पर फार्म में सामान्य गतिविधियां दिखाई देती थीं, जबकि अंदर ड्रग्स निर्माण का काम चल रहा था। यह फैक्ट्री लंबे समय से सक्रिय थी और इससे बड़ी मात्रा में नशे की खेप बाजार में भेजी जा चुकी हो सकती है।
कार्रवाई के दौरान कुछ आरोपियों को हिरासत में लिया गया है, जिनसे पूछताछ जारी है। पुलिस को उम्मीद है कि पूछताछ में ड्रग्स नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों, सप्लाई चैन और फंडिंग से जुड़े अहम खुलासे हो सकते हैं। एएनसी यह भी जांच कर रही है कि इस अवैध कारोबार में स्थानीय स्तर पर कौन-कौन लोग शामिल थे और क्या इसमें किसी संगठित गिरोह की भूमिका है।
महाराष्ट्र एएनसी ने इस कार्रवाई के लिए राजस्थान पुलिस से भी समन्वय किया। दोनों राज्यों की एजेंसियां मिलकर मामले की गहन जांच कर रही हैं। अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई नशे के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में एक बड़ी सफलता है और इससे ड्रग्स माफिया को बड़ा झटका लगा है।
