Jhunjhunu जिसे बनना था शहर की शान, वह बनने से पहले जर्जर
शहर को ऑडिटोरियम की जरूरत
दरअसल शहर में कोई भी ऐसा स्थान नहीं है, जहां भव्य कार्यक्रम हो सकें और दर्शकों के बैठने की क्षमता अधिक हो। कार्यक्रम के आयोजन को लेकर आधुनिक और पर्याप्त सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हैं। ऐसे में लंबे समय से सर्वसुविधायुक्त और आधुनिक सुविधाओं से लबरेज ऑडिटोरियम की आवश्यकता महसूस की जा रही थी, लेकिन ऑडिटोरियम का निर्माण अटका होने के कारण यह लोगों के काम नहीं आ पा रहा है।नगर परिषद प्रशासन ने इसके अधूरे कार्य को पूरा करवाने के लिए 12. 24 करोड़ का प्रस्ताव बनाकर राज्य सरकार को भेजा है। वहीं राणी सती मंदिर ट्रस्ट से भी सहयोग लेने का प्रयास किया जा रहा है। नए प्रस्ताव के अनुसार सज्जा,कारपेट, लोरिंग,फॉल सिलिंग, दरवाजे, खिड़की, साउंड प्रुफ सिस्टम, वातानुकूलित सिस्टम, फायर फाइटिंग सिस्टम, स्टेज, बिजली फिटिंग व उपकरण, कुर्सी व अन्य कार्य करवाए जाएंगे। इस पर 12. 24 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान लगाया है। वहीं जानकारों का कहना कि निर्माण उसी समय पूरा हो जाता तो बारह करोड़ लगते ही नहीं।
750 लोगों के बैठने की क्षमता
नगर परिषद, राणी सती मंदिर ट्रस्ट व जिला प्रशासन के सहयोग से बनने वाले इस ऑडिटोरियम में साढ़े सात सौ लोगों के बैठने की क्षमता है। ऊपर बॉलकनी बनी हुई है। मंच पर आने वालों के लिए अलग गेट है। कलाकारों के सजने संवरने के लिए स्टेज के निकट ही अलग से कक्ष बनवाए गए हैं। इसकी डिजाइन इस प्रकार की है कि आवाज गूंजेगी नहीं, बल्कि साफ सुनाई देगी। वीआईपी दर्शक दीर्घा बनी हुई है। लेकिन स्ट्रक्चर बनने के बाद से यह कार्य अधूरा पड़ा है।