झुंझुनू न्यूज़ डेस्क, झुंझुनू पॉक्सो की धाराओं में पिछले महीने दर्ज हुई एफआईआर को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। जिस नाबालिग के नाम से बाल कल्याण समिति झुंझुनूं ने एफआईआर दर्ज करवाई थी। उसने आरोप लगाया है कि उसकी तरफ से कोई एफआईआर दर्ज नहीं करवाई गई। बल्कि कोरे कागज पर उसके साइन लिए गए थे। झूठी रिपोर्ट लिखकर बाल कल्याण समिति ने एफआईआर दर्ज करवाई है। नाबालिग ने मामले में झुंझुनूं जिले के एक पुलिस थाने में 13 जनों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज कराया है। इसमें आरोप लगाया है कि अपनी खुद की लड़ाई में मेरे साइन किए गए कागज को बाल कल्याण समिति बीकानेर, बाल कल्याण समित चूरू तथा बाल कल्याण समिति झुंझुनूं से जुड़े लोगों व अन्य व्यक्तियों ने षड़यंत्र करके गलत इस्तेमाल किया। साथ ही उस पर दबाव बनाया कि वह उनके कहे अनुसार बयान दें। नहीं तो उनके पास उसकी अश्लील फोटो है। जिसे भी वायरल कर देंगे व वेश्यावृत्ति के धंधे में धकेल देंगे। साथ ही उनके अनुसार बयान ना देने पर जान से मारने की धमकी देकर उसका मानसिक शोषण भी किया। झुंझुनूं पुलिस ने जीरो एफआईआर दर्ज कर ली है। जिसे चूरू पुलिस को भेजा जाएगा।
इन पर लगाया आरोप
एफआईआर में नाबालिग ने बाल कल्याण समिति बीकानेर के अध्यक्ष जुगलकिशोर व्यास, सदस्य सुनिता, बाल कल्याण समिति चूरू की अध्यक्ष कमला देवी, सदस्य शर्मिला पूनियां, मनीराम, हरफूलसिंह, पूर्व सदस्य मनोज सैनी, समिति कार्यालय का नरेंद्र, बाल कल्याण समिति झुंझुनूं की पूर्व अध्यक्ष अर्चना चौधरी, उनके पति ले. कर्नल दिनेश कुमार, लक्ष्मी, पिताम्बर शर्मा और प्रदीप गढवाल पर झूठी एफआईआर दर्ज करवाने का दबाव बनाने का आरोप लगाया है। नाबालिग ने रिपोर्ट में बताया कि जुगलकिशोर व्यास और सदस्य ने जबरदस्ती अर्चना चौधरी से बात करने का दबाव बनाया। सुनिता ने नाबालिग के मना करने के बावजूद 11 अक्टूबर को शर्मिला पूनियां को बीकानेर बुलाया और उससे बात करवाई। शर्मिला पूनियां ने खाली कागज पर साइन करवाकर उसकी तरफ से झूठी एफआईआर तैयार की। कमला देवी, मनीराम, हरफूल सिंह ने उसके नाम से झूठी एफआईआर दर्ज करवाने के लिए एसपी को पत्र लिखा।