झुंझुनूं : पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पैतृक गांव किठाना पहुंचे, चाची के निधन पर परिवार को सांत्वना दी
पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ रविवार को अपने पैतृक गांव किठाना (झुंझुनूं) पहुंचे। यह दौरा उनके लिए भावनाओं से भरा हुआ रहा, क्योंकि उपराष्ट्रपति पद से त्यागपत्र देने के बाद यह उनका पहला पैतृक गांव आगमन था। वे अपनी चाची शांति देवी के आकस्मिक निधन की सूचना मिलने के बाद दिल्ली से सड़क मार्ग द्वारा सीधे गांव पहुंचे। गांव पहुंचते ही उन्होंने परिवारजनों से मिलकर शांति देवी को श्रद्धांजलि दी और शोकाकुल परिजनों को ढांढस बंधाया।
धनखड़ के गांव पहुंचने की खबर फैलते ही लोगों में उत्साह देखने को मिला। गांववासियों ने अपने लोकप्रिय नेता का पारंपरिक ढंग से स्वागत किया। ग्रामीणों का कहना है कि धनखड़ भले ही देश के बड़े पद पर रहे, लेकिन उनका दिल हमेशा अपने गांव और मिट्टी से जुड़ा रहा है। मौके पर बड़ी संख्या में लोग उन्हें देखने और मिलने के लिए इकट्ठा हो गए।
उपराष्ट्रपति पद छोड़े, लेकिन संबंध वही
जगदीप धनखड़, जिन्होंने देश के उपराष्ट्रपति के रूप में अपनी सेवाएँ दीं, अपने सरल और सहज स्वभाव के कारण सदैव चर्चा में रहे हैं। उच्च Constitutional पद पर रहते हुए भी उन्होंने कई बार अपने गांव और क्षेत्र के प्रति भावनात्मक जुड़ाव व्यक्त किया था। अब जब वे निजी जीवन में लौटे हैं, तो ग्रामीणों का उनसे मिलना उनके लिए गर्व का क्षण रहा।
पूर्व उपराष्ट्रपति ने ग्रामीणों से बात करते हुए कहा कि किठाना हमेशा उनकी जीवन ऊर्जा का स्रोत रहा है। उन्होंने यहां के लोगों के प्रति अपना आभार प्रकट किया और परिवार के दुख की घड़ी में साथ खड़े होने के लिए सबको धन्यवाद दिया।
चाची शांति देवी को दी श्रद्धांजलि
परिवार के बीच शांति देवी के निधन से शोक का माहौल है। धनखड़ ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित किए और परिवार के सदस्यों को साहस बनाए रखने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि शांति देवी का आशीर्वाद हमेशा उन पर और परिवार पर बना रहेगा।
गांव में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी
पूर्व उपराष्ट्रपति के दौरे को देखते हुए प्रशासन सतर्क रहा। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की। गांव की मुख्य गलियों में पुलिसकर्मी तैनात रहे ताकि भीड़ के बीच कोई अव्यवस्था न हो।
स्थानीय नागरिकों में प्रसन्नता
गांववासियों का कहना था कि धनखड़ का गांव आना उनके लिए गर्व की बात है। कई बुजुर्गों और युवाओं ने उनसे मिलकर अपनी खुशी व्यक्त की। इस दौरान पौधारोपण जैसे कार्यक्रमों पर भी चर्चा हुई और लोग उम्मीद कर रहे हैं कि धनखड़ आगे भी गांव के विकास के लिए मार्गदर्शन देते रहेंगे।
