Jhunjhunu इस बार किसान 7.5 एचपी के 2000 सोलर पावर प्लांट लगाएंगे, मिलेगा फायदा

झुंझुनू न्यूज़ डेस्क, झुंझुनू चुनावी साल में सरकार किसानों पर मेहरबान है। इस बार जिले में एक साथ दो हजार सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए जाएंगे। खास बात यह है कि इस वर्ष 3 व 5 एचपी सौर ऊर्जा संयंत्र पर अनुदान का प्रावधान नहीं किया गया है। साढे सात एचपी पर अनुदान दिया जाएगा। समस्त क्षमता (7.5 एचपी, 10 एचपी) के सौलर पम्प स्थापना के लिए वांछित भूमि की आवश्यकता न्यूनतम 0.4 हैक्टयर की गई है। प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान योजना के तहत जिले को इस योजना में 2000 सौर ऊर्जा संयंत्र के लक्ष्य प्राप्त हुए हैं। यह संख्या पहले से ज्यादा है। संयंत्र स्थापना के लिए 18 फर्म अनुमोदित की गई है। इस योजना के अन्तर्गत किसान पहले ही राजकिसान पोर्टल पर ऑनलाईन आवेदन कर चुके हैं। जिन कृषकों ने सामान्य श्रेणी में 15 जून 2022 तक तथा अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति में अठारह सितम्बर तक तक ऑनलाइन आवेदन किए हैं। उनके यहां संयंत्र लगाए जाएंगे। जिन किसानों ने उपरोक्त तारीख तक आवेदन किए हैं, उनको वापस पत्रावलियां बैक टू सिटिजन की जा रही है।
उद्यान विभाग के सहायक निदेशक शीशराम जाखड़ ने बताया कि किसानों को एक सौलर पम्प पर साठ फीसदी अनुदान दिया जाएगा। जो किसान एससी व एसटी के हैं, उनको प्रति प्लांट पर पैंतालीस हजार रुपए अलग से दिए जाएंगे। किसान को अपनी चालीस फीसदी हिस्सा राशि जमा करवानी होगी। इसके बाद जिस फर्म का किसान ने चयन किया है वह खेत पर आएगी। पूरा प्लांट लगाकर जाएगी। इसमें केबल, रस्सा, पाइप, स्टार्टर, मोटर या सबमर्सिबल व अन्य उपकरण फर्म ही लगाकर देगी। केवल किसान के पास कुआं होना जरूरी है। जिन किसानों ने अभी तक आवेदन नहीं किया है, वे अब भी आवेदन कर सकते हैं। इसमें पहले आओ पहले पाओ के आधार पर किसानों का चयन किया जाएगा।
किसानों को अपने नजदीकी ई-मित्र पर जाना होगा। पूर्व में किए गए ऑनलाइन आवेदन की संख्या से अपना आवेदन देखना होगा। इसके बाद जनआधार कार्ड, जमाबन्दी की नकल (6 माह से पुरानी न हो व डिजिटल हस्ताक्षरित अथवा पटवारी से प्रमाणित), खेत का नक्शा प्रमाणित, सिंचाई जल स्त्रोत व बिजली कनेक्शन नहीं होने का स्वघोषित शपथ पत्र लगाना होगा। साथ ही अनुमोदित फर्मो मे से एक फर्म का चयन करना होगा। तय मापदंड के अन्तर्गत जो किसान आ रहे हैं उनको अतिशीघ्र पत्रावली ऑनलाइन वापस ऑनलाइन सबमिट करानी होगी। 15 दिवस की अवधि उपरान्त पत्रावली ऑनलाइन पोर्टल से स्वत ही निरस्त हो जाएगी। किसानों को अपनी पम्प क्षमता भी बदलनी होगी।