झुंझुनूं कलेक्टर डॉ. अरुण गर्ग का कड़ा रुख: ई-गवर्नेंस में लापरवाही बर्दाश्त नहीं, समय पर ई-डाक और ई-फाइलिंग के निर्देश
झुंझुनूं जिले में ई-गवर्नेंस प्रणाली को मजबूत करने के लिए कलेक्टर डॉ. अरुण गर्ग ने अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अब ई-डाक और ई-फाइलिंग से जुड़े कार्यों में देरी किसी भी स्तर पर स्वीकार नहीं की जाएगी। कलेक्टर ने सभी विभागीय अधिकारियों को समय पर फाइलों का निस्तारण सुनिश्चित करने के साथ-साथ जन शिकायतों के त्वरित समाधान पर विशेष ध्यान देने को कहा है।
कलेक्टर डॉ. गर्ग ने बैठक के दौरान पाया कि कई विभागों में ई-गवर्नेंस से जुड़े कार्य समय पर पूरे नहीं हो रहे हैं, जिससे आमजन को अनावश्यक देरी का सामना करना पड़ता है। इस स्थिति को सुधारने के लिए उन्होंने निर्देश दिया कि अधिकारी प्रतिदिन ई-डाक और ई-फाइलों की समीक्षा कर उन्हें प्राथमिकता के आधार पर डिस्पोज़ करें। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यों में डिजिटल प्रणाली को अपनाना केवल सुविधा नहीं, बल्कि पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने का प्रमुख माध्यम है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ई-गवर्नेंस परियोजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन ही प्रशासनिक कार्यप्रणाली को तेज़, सुचारु और नागरिक–केंद्रित बना सकता है। कलेक्टर ने चेतावनी दी कि किसी भी अधिकारी की लापरवाही सामने आने पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिले में समयबद्ध सेवा प्रदान करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसमें किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बैठक में जन शिकायतों के निस्तारण को लेकर भी विस्तृत समीक्षा की गई। कलेक्टर ने निर्देशित किया कि सभी विभाग शिकायतों को तय समय सीमा के भीतर निपटाएंगे और लंबित मामलों की रिपोर्ट प्रतिदिन अपडेट की जाएगी। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता को समय पर समाधान और संतोषजनक जवाब मिलना बेहद जरूरी है, इसलिए संबंधित अधिकारी प्रत्येक मामले की व्यक्तिगत मॉनिटरिंग करें।
डॉ. गर्ग ने अधिकारियों को पोर्टल पर अपलोड होने वाली प्रविष्टियों की शुद्धता पर भी ध्यान देने को कहा। उन्होंने निर्देश दिया कि कोई भी फाइल लंबित न रहे और विभागों के बीच समन्वय मजबूत किया जाए, ताकि प्रक्रियाओं में गति लाई जा सके।
