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Jhunjhunu 15 अधिकारी, कर्मचारी उतरे कॉपर खदान में, लिट की चेन टूटी, मचा हड़कंप

 
Jhunjhunu 15 अधिकारी, कर्मचारी उतरे कॉपर खदान में, लिट की चेन टूटी, मचा हड़कंप 

झुंझुनू न्यूज़ डेस्क, झुंझुनू  कोलीहान खदान में 15 अधिकारियों व कर्मचारियों को नीचे लेकर जा रही लिट का लौहे का रस्सा टूटने से बड़ा हादसा हो गया। सूचना पर आस-पास के सभी डॉक्टरों, नर्स व करीब सौलह से ज्यादा एबबुलेंस बुला ली गई, लेकिन हादसा जमीन से करीब 1875 फीट नीचे खदान में होने से सब असहाय नजर आए। हर कोई उनके सकुशल होने की कामना करते रहे। देर रात तक अनेक दल बचाव कार्य में जुटे रहे।

यह थे लिट में 14 व्यक्ति

-जीडी गुप्ता इकाई प्रमुख केसीसी,

-उपेंद्र पांडे, मुय सतर्कता अधिकारी दिल्ली

-एके शर्मा उपमहाप्रबंधक खदान एवं कोलिहान खदान प्रभारी

-विनोद सिंह शेखावत, वरिष्ठ प्रबंधक विद्युत

-एके बैरा, सहायक उप महाप्रबंधक मैकेनिकल

-अर्णव भंडारी, मुय प्रबंधक खदान

-यशोराज मीणा, सहायक उपमहाप्रबंधक

-वनेंदु भंडारी सहायक उप महाप्रबंधक विजिलेंस

- निरंजन साहू ,वरिष्ठ प्रबंधक गवेषण

-करण सिंह गहलोत, सुरक्षा अधिकारी

-रमेश नारायण, वरिष्ठ प्रबंधक खदान

-प्रीतम प्रबंधक

-हरसीराम

-भागीरथ

-विकास पारीक, फोटो ग्राफर

तुरंत पहुंची रेसक्यू टीम

झुंझुनूं. हादसा होने के तुरंत बाद ही रेसक्यू टीम मौके पर पहुंची। यह विशेष टीम कॉपर में रहती है। घटना स्थल व कॉपर की दूरी ज्यादा नहीं है, ऐसे में टीम तुरंत मौके पर पहुंच गई। हालांकि केसीसी में सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाता है। हर साल हर कर्मचारी व अधिकारी को इसकी ट्रेनिंग दी जाती है। सुरक्षा के टिप्स दिए जाते हैं। सुरक्षा की शपथ भी दिलाई जाती है।

उठ रही मांग

खेतड़ी कॉपर कॉपलेक्स (केसीसी) के बंद पड़े कारखानों को नए सिरे से चलाने की मांग क्षेत्र में लबे समय से उठ रही है। केसीसी, हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड (एचसीएल) की इकाई है। इसका मुयालय कोलकाता में है।

जानें क्या होता है कोलीहान खदान में

कोलिहान खदान में समुद्रतल से नीचे खदान चल रहा है। यहां ताबे के अयस्क निकलते हैं। यहां से अयस्कों को डपरों में भरकर खेतडीनगर भेजा जाता है। खेतड़ीनगर में पिसाई होकर शोधन के लिए दूसरे राज्यों में जाता है। खेतड़ी मुयालय से खदान के गेट की दूरी करीब तीन किलोमीटर से ज्यादा है।

अधिकारी छिपाते रहे घटना

कोलिहान खदान में इतनी भयंकर घटना हो गई ।लेकिन हिंदुस्तान कॉपर प्रबंधन ने इसकी सूचना न तो पुलिस को समय पर दी न हीं प्रशासन को दी। यहां तक कि विधायक को सूचना नहीं दी। इस मामले की वृहद जांच होनी चाहिए।