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Jhunjhunu में निरीक्षण के लिए आए अधिकारी ही नहीं रह पाए सुरक्षित

 
Jhunjhunu में निरीक्षण के लिए आए अधिकारी ही नहीं रह पाए सुरक्षित 
झुंझुनू न्यूज़ डेस्क, झुंझुनू  हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड की कोलिहान खदान में हुए हादसे के बाद खदान में सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं। यहां के अधिकारियों व कर्मचारियों का कहना है कि खेतड़ी कॉपर माइन एशिया में सबसे सुरक्षित खान मानी जाती है। इसके बावजूद यह हादसा कैसे हो गया। लोगों का कहना था कि जांच के लिए आए अधिकारी ही सुरक्षित नहीं रह पाए तो फिर किस तरह से खान को सुरक्षित बताया जा रहा है। उनका कहना था कि कोलिहान मांइस में आज भी पुरानी टेक्नोलॉजी अपनाई जा रही है जबकि अब नई तकनीक से काम होना चाहिए। विधायक धर्मपाल गुर्जर ने भी इस बात को माना है।

532 कर्मचारी तीन पारी में करते हैं काम

यूनियन के एक पदाधिकारी ने बताया कि कोलिहान खदान में 50 हजार टन अयस्क का प्रतिमाह खनन होता है और 532 कर्मचारी तीन पारी में काम करते हैं। इनमें 450 ठेके के कर्मचारी और 82 स्थाई कर्मचारी हैं। मंगलवार रात को जब हादसा हुआ, तब खदान में 75-80 कर्मचारी काम कर रहे थे, हालांकि वे सभी समय पर बाहर आ गए थे। कॉपर माइंस में लिफ्ट नीचे गिरी थी। घायलों को जयपुर भेजा गया है। केंद्र सरकार के अधीन होने के कारण, केंद्र के स्तर पर इसकी जांच होगी। जांच में हमसे जो भी सहयोग मांगा जाएगा, वह किया जाएगा। हादसे की सूचना के बाद प्रशासनिक स्तर पर सभी तरह के इंतजाम कर दिए गए थे। जानकारी मिलते ही हरियाणा से सीधा यहां पहुंच गया था। हालांकि यह सबसे सुरक्षित खान मानी जाती है लेकिन सुनने में और दिखने में आता है कि खदान में मशीनरी पुरानी टेक्नोलॉजी की है, हम केंद्र से निवेदन करेंगे कि यहां हाई टेक्नोलॉजी की मशीनरी लगाई जाए ताकि भविष्य में इस तरह का हादसा नहीं हो। सुरक्षा के लिए यह जरूरी है। जिला कलक्टर से भी कहा है कि हमारे स्तर पर भी जांच होना चाहिए। केंद्र के स्तर पर भी जांच करवाई जाएगी।