Jhunjhunu पहाड़ी क्षेत्र के लाल प्याज की खुदाई शुरू, बढ़ी मांग
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120 दिन में तैयार
पूरणमल जाट छापोली, श्रीराम गुर्जर, हीरालाल शर्मा,जहाज ,महेन्द्र सैनी, कृषि मित्र श्योपाल सैनी काटलीपुरा ने बताया कि खेतों में लाल प्याज तैयार करने के लिए लगभग 25 सौ से तीन हजार रुपए प्रति किलो के हिसाब से प्याज का बीज आता है। जिसकी पौध तैयार की जाती है। लगभग 40-45 दिन में पौध तैयार होती है। तैयार पौध को रोपण किया जाता है। जिसमें पौध तैयार करने व रोपण करने में प्रति हैक्टेयर लगभग एक लाख से सवा लाख रुपए का खर्च आता है। लाल प्याज की फसल लगभग 120 दिन में तैयार होती है। इससे प्रति हैक्टेयर प्याज का उत्पादन औसत लगभग 350 से 400 क्विंटल होता है। वहीं व्यापारियों के द्वारा प्याज खोदने के समय खेतों में ही किसानों से 10 से 15 रुपए प्रति किलो में खरीदा जाता है।इनका कहना है- किसान रबी व खरीफ की फसलों की बजाय फल व सब्जियों की खेती अधिक करते हैं। फल, सब्जियों की खेती में कम समय में किसानों को अधिक मुनाफा होता है। जिले में किसान लाल प्याज व लाल प्याज के बीज की खेती भी बड़े पैमाने पर करते हैं।
भण्डारण की नहीं व्यवस्था
लाल प्याज अधिक समय तक भंडारण में रहने की क्षमता रखता है। लेकिन किसानों के पास आगे भाव लेने के लिए प्याज के भण्डारण की व्यवस्था नहीं होने व आर्थिक तंगी की हालत में किसान को खेत से ही मजबूरी में सस्ते भाव में प्याज का बेचान करना पड़ता है। वहीं कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि किसान को कुछ मापदण्ड पूरा करने पर कृषि विभाग के द्वारा भण्डार घर बनाने की योजना है।