झुंझुनूं मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल का निर्माण 2026 तक टला, स्वास्थ्य सेवाओं पर असर
जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की मजबूरी को देखते हुए बड़े पैमाने पर बनाए जा रहे मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल का निर्माण अब तय समय पर पूरा नहीं हो सका है। 92 करोड़ रुपए की लागत वाला यह प्रोजेक्ट प्रशासनिक ढिलाई और धीमी प्रगति के कारण अब 2026 तक टल गया है।
जानकारी के अनुसार, मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल का निर्माण शुरू होने के बाद से कई बार निर्माण कार्य में देरी और तकनीकी अड़चनें सामने आई हैं। परियोजना के लिए आवंटित बजट के बावजूद निर्माण एजेंसी समय पर काम पूरा नहीं कर सकी।
स्थानीय स्वास्थ्य विशेषज्ञों और प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि इस अस्पताल के बन जाने से झुंझुनूं सहित आसपास के इलाकों में उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिलने वाला था। यहां सर्जरी, आपातकालीन सेवाएं, इनपेशेंट वार्ड और चिकित्सकीय प्रशिक्षण जैसी सुविधाएं उपलब्ध होने वाली थीं।
हालांकि, निर्माण में हुई देरी के कारण क्षेत्र के लोगों को अभी भी उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाओं के लिए अन्य जिलों या शहरों का रुख करना पड़ रहा है। यह स्थिति ग्रामीण और गरीब मरीजों के लिए विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण है।
प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि निर्माण कार्य को अब गति दी जाएगी और नए समय सीमा के अनुसार हॉस्पिटल का कार्य 2026 तक पूरा कर लिया जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि निर्माण एजेंसी के साथ निरंतर समीक्षा और निगरानी की जा रही है ताकि और देरी न हो।
विशेषज्ञों का कहना है कि मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स में समयबद्ध कार्यान्वयन और बजट प्रबंधन बेहद जरूरी है। देरी न केवल स्वास्थ्य सेवाओं पर असर डालती है बल्कि परियोजना की लागत को भी बढ़ा सकती है।
झुंझुनूं में यह परियोजना जिले की स्वास्थ्य संरचना में सुधार और युवा चिकित्सकों के प्रशिक्षण के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है। अब प्रशासन और निर्माण एजेंसी की जिम्मेदारी बढ़ गई है कि इस परियोजना को तय समय सीमा में पूरा कर जनता को लाभ पहुंचाया जा सके।
इस तरह, झुंझुनूं का मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा, बशर्ते परियोजना को समय पर पूरा किया जाए।
