Jhunjhunu भारतीय सेना में तैनात कैप्टन रेणु का झुंझुनू में हुआ अंतिम संस्कार
झुंझुनू न्यूज़ डेस्क, झुंझुनूं की बेटी कैप्टन रेनू की पार्थिव देह 12:30 बजे उनके पैतृक गांव गादली पहुंची। उनके सम्मान में सैकड़ों वाहनों के साथ 5 किलोमीटर तक तिरंगा यात्रा निकाली गई। यात्रा में बुहाना कस्बे के हजारों लोग शामिल हुए।देशभक्ति नारों के बीच तिरंगा यात्रा पर जगह जगह पुष्पांजलि दी और भारत माता की जय के नारे भी गूंजे। पिता समेत अन्य परिजन भी पहुंचे। यात्रा के बाद दोपहर करीब 2:30 बजे पैतृक गांव में अंतिम संस्कार किया गया, जिसमें भाई ने उन्हें मुखाग्नि दी। झुंझुनू के बुहाना कस्बे के गादली गांव की रहने वाली इंडियन आर्मी में कैप्टन रेनू ने सुसाइड कर लिया। रेनू आगरा में तैनात थी। उनका शव बुधवार को दिल्ली कैंट इलाके में स्थित गौरौदा शरत ऑफिसर्स गेस्ट हाउस में मिला। वे 15 अक्टूबर को ही भाई सुमित और मां कौशल्या के साथ दिल्ली एम्स निकल गई थी, जहां उन्हें अपनी मां का इलाज करवाना था।दिल्ली में दक्षिण-पश्चिमी जिला पुलिस उपायुक्त सुरेंद्र कुमार चौधरी ने बताया- दिल्ली कैंट इलाके में स्थित गौरौदा शरत ऑफिसर्स गेस्ट हाउस में लेडी ऑफिसर ने सुसाइड किया। कमरे की कुंडी अंदर से बंद थी। कमरे का गेट तोड़ा गया तो पाया कि पंखे पर शव लटका हुआ था।हालांकि रेनू के पिता ने सुसाइड करने से इनकार किया है। पिता रिटायर्ड कैप्टन गोवर्धन सिंह का कहना है- मां का ऑपरेशन करवाने के लिए वह(रेनू) छुट्टी लेकर दिल्ली आई थी। एक रोड एक्सीडेंट में उसकी जान चली गई। वह मैरिड नहीं थी।
पिता भी आर्मी में दे चुके हैं सेवा
कैप्टन रेनू तंवर के पिता कैप्टन गोवर्धन सिंह तंवर भी आर्मी में अपनी सेवा दे चुके है। उन्हें नौ-सेना पदक और जीवन रक्षा पदक से भी सम्मानित किया जा चुका है। रेनू की पार्थिव देह उनके पैतृक गांव पहुंची तो झुंझुनूं वासियों ने तिरंगा लगाकर उन्हें सम्मान दिया। रेनू के परिवार में उनके अलावा एक बड़ी बहन ऋतु, छोटा भाई सुमित, मां कौशल्या और पिता गोवर्धन है।
