Jhunjhunu में अब 6 बीघा जमीन पर बाड़ लगाने के लिए 40 हजार का अनुदान दिया जाएगा
झुंझुनू न्यूज़ डेस्क, राजस्थान फसल सुरक्षा मिशन में बेघर पशुओं से फसलों की रक्षा के लिए राजस्थान कृषक साथी योजना या राष्ट्रीय खाद्य तिलहन मिशन के तहत किसानों से आवेदन मांगे गए हैं। ऑनलाइन आवेदन 30 मई से शुरू होंगे। सहायक निदेशक विजयपाल कस्वा ने बताया कि योजना के तहत जिले को 2 लाख 12 हजार 200 मीटर कांटेदार तार या चेन लिंक फेंसिंग का लक्ष्य मिला है. इसमें से 32700 मीटर का लक्ष्य छोटे और सीमांत किसानों के लिए है। सहायक निदेशक कसवा ने बताया कि सभी वर्ग के किसान इसके लिए आवेदन कर सकते हैं. राज किसान साथी ई-मित्र पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। पहले किए गए सभी लंबित आवेदन खारिज कर दिए जाते हैं।
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इन दस्तावेजों से कर सकते हैं रजिस्ट्रेशन : किसानों को वायरबंदी योजना के लिए ई-मित्र के माध्यम से आवेदन करना होगा। इसमें जन आधार कार्ड, नई जमा राशि देनी होती है। लघु या सीमांत श्रेणी में आवेदन करने वाले किसानों को जन आधार सीडिंग या लघु और सीमांत किसान होने का प्रमाण पत्र जमा करना होगा। किसान के पास कम से कम छह बीघा या 1.5 हेक्टेयर जमीन होनी चाहिए। जबकि समूह के पास दो किसान और 1.5 हेक्टेयर जमीन होनी चाहिए। 1. योजना के प्रावधान के अनुसार यदि किसान के पास न्यूनतम 1.5 हेक्टेयर कृषि भूमि है तो अधिकतम 400 रनिंग मीटर तक वायरिंग की लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 40 हजार रुपये दिया जाएगा। 2. परिधि के किसानों और सामुदायिक आधार पर खेती करने वाले सभी श्रेणी के किसानों के लिए, दो या दो से अधिक किसानों के समूहों को न्यूनतम 1.5 हेक्टेयर पर बाड़ लगाने की लागत का 50 प्रतिशत दिया जाएगा। 3. लघु एवं सीमांत कृषकों को बाड़ लगाने की लागत के 50 प्रतिशत के स्थान पर 60 प्रतिशत अथवा अधिकतम 48 हजार रुपये की दर से अनुदान दिया जायेगा। यह आवश्यक है कि 30 प्रतिशत लाभार्थी छोटे और सीमांत किसान हों। योजना के विशेषज्ञ सुदेश पूनिया ने बताया कि योजना में किसानों का चयन पहले आओ पहले पाओ के आधार पर किया जाता है। लक्ष्य से 1.5 गुना आवेदन प्राप्त होने पर लॉटरी के माध्यम से चयन किया जायेगा. योजना के तहत किसान अधिकतम 400 रनिंग मीटर पर 50 प्रतिशत या 40 हजार रुपये का अनुदान प्राप्त कर सकेंगे। एक ही लघु या सीमांत श्रेणी के किसानों को 400 रनिंग मीटर फेंसिंग की अधिकतम लागत का 60 प्रतिशत या 48 हजार रुपये का अनुदान दिया जा सकता है।
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