Jhunjhunu धूम्रपान की लत से नपुंसकता का बढ़ा खतरा, बढ़े हार्ट अटैक के मामले
झुंझुनू न्यूज़ डेस्क, झुंझुनू आज 31 मई है। इस दिन को पूरी दुनिया में विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रूप में मनाया जाता है, ताकि लोगों को तंबाकू के सेवन से होने वाले खतरों से अवगत कराया जा सके और जागरूक किया जा सके। भारत में हर साल लगभग आठ से 10 लाख लोगों की मौत तंबाकू के सेवन से होती है। इसके बावजूद देश में हर उम्र के लोग तंबाकू का सेवन कर रहे हैं। पहले तंबाकू के सेवन से कैंसर होने की संभावना अधिक थी, लेकिन अब तंबाकू के सेवन से कई बीमारियां हो गई हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि धूम्रपान युवाओं को नपुंसक बना रहा है। इस वजह से भी हार्ट अटैक के मामले बढ़ते जा रहे हैं। मुंबई के ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. भास्कर ने अनिल संगनेरिया से सीखा कि शेखावाटी पर तंबाकू का कितना असर हो रहा है। उन्होंने कहा कि शेखावाटी में हुक्का, सिगरेट, खैनी और पाउच का प्रयोग बहुतायत में होता है. वैसे जागरूकता की वजह से युवा तंबाकू से दूर होते जा रहे हैं, लेकिन करीब 10 साल से लगातार जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है. लोगों को स्लाइड्स के जरिए समझाना है कि तंबाकू से क्या नुकसान होते हैं। तंबाकू से कैंसर के साथ-साथ और भी कई बीमारियां होती हैं।
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डॉ। अनिल संगनेरिया ने कहा कि 10 साल से ऊपर के बच्चे गुटखा खाना सीखते हैं, लेकिन भारत में तंबाकू के सेवन की औसत उम्र 15 साल है। धूम्रपान का अध्ययन करने वाले युवा। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के अनुसार, 42 प्रतिशत लोग (15 वर्ष से अधिक) किसी भी प्रकार के तंबाकू उत्पाद का उपयोग करते हैं। जबकि एनएफएसएच-4 में यह 46.9 फीसदी था। जागरूकता के चलते देश में तंबाकू की खपत घट रही है, शेखावाटी समेत प्रदेश में आठ से 10 फीसदी की कमी आई है.
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