EO-RO परीक्षा घोटाला मामले में 6 पुलिसकर्मियों की बहाली, अब प्रशासन की भूमिका पर उठ रहे सवाल

राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) की ईओ-आरओ परीक्षा के दौरान झुंझुनू के एसएस मोदी विद्या विहार स्कूल में ड्यूटी पर तैनात 6 पुलिसकर्मियों को 23 मार्च को निलंबित कर दिया गया था। लेकिन अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है। झुंझुनू एसपी शरद चौधरी ने सभी छह पुलिसकर्मियों का निलंबन रद्द करते हुए उन्हें बहाल कर दिया है। दरअसल, 23 मार्च को परीक्षा केंद्र के केंद्र अधीक्षक और पर्यवेक्षकों ने जिला कलेक्टर को एक रिपोर्ट भेजी थी।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि परीक्षा केंद्र के गेट पर तैनात पुलिसकर्मियों ने आरपीएससी की एसओपी का उल्लंघन किया और निर्धारित समय (सुबह 11:00 बजे) के बाद 11:03 बजे गेट बंद होने के बावजूद हिमांशु नाम के अभ्यर्थी को परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने दिया। रिपोर्ट के मुताबिक, हिमांशु ने पुलिसकर्मियों की फोन पर एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से बात कराई, जिसके बाद उसे परीक्षा में बैठने दिया गया।
एसपी ने तत्काल किया था निलंबन
जिला कलेक्टर की इस रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए एसपी शरद चौधरी ने तत्काल कार्रवाई करते हुए कोतवाली थाने के एक एएसआई समेत छह पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया और मामले की जांच साइबर क्राइम डीएसपी को सौंप दी।
जांच में क्या सामने आया?
डीएसपी साइबर क्राइम की जांच रिपोर्ट में पाया गया कि पुलिसकर्मियों ने न तो लापरवाही बरती और न ही एसओपी का उल्लंघन किया। सीसीटीवी फुटेज की जांच में ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया। साथ ही हिमांशु द्वारा किसी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से फोन पर बात कराने का दावा भी झूठा निकला। इस जांच रिपोर्ट के आधार पर एसपी ने सभी निलंबित पुलिसकर्मियों को बहाल कर दिया है। इस रिपोर्ट के बाद प्रशासन पर सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर केंद्र प्रभारी और पर्यवेक्षकों ने जिला कलेक्टर को झूठी रिपोर्ट क्यों भेजी?