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Jhalawar ग्राम पंचायतों और पंचायत समितियों के पुनर्गठन की कवायद आज से शुरू

 
Jhalawar ग्राम पंचायतों और पंचायत समितियों के पुनर्गठन की कवायद आज से शुरू 
झालावाड़ न्यूज़ डेस्क, झालावाड़ प्रदेश में ग्राम पंचायतों और पंचायत समितियों के पुनर्गठन की कवायद 20 जनवरी से शुरू होगी। इसमें आबादी और क्षेत्रीय संतुलन के लिहाज से मौजूदा संस्थाओं में बदलाव होंगे। साथ ही पुनर्गठन में नई पंचायतों एवं पंचायत समितियों का भी सृजन होगा। इस संबंध में ग्रामीण विकास एवं पंचायतराज विभाग ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं।वर्ष 2011 की जनगणना के आंकड़ों के आधार पर पंचायतों और पंचायत समितियों के पुनर्गठन, पुनर्सीमांकन और नवसृजन के मापदण्ड तय किए हैं। झालावाड़ जिले में अभी 254 ग्राम पंचायत व 8 पंचायत समितियां है। ऐसे में जिले में 2011 की जनसंया के अनुसार इनकी संया और बढऩे की उमीद है, जानकारों का कहना है कि ग्राम पंचायतों की संया बढऩे के बाद पंचायत समितियां भी नई बनेंगी।

ग्राम पंचायतों के लिए यह रहेंगे मापदण्ड

ग्राम पंचायतों के लिए न्यूनतम 3 हजार और अधिकतम साढ़े पांच हजार आबादी होगी। अधिसूचित अनुसूचित क्षेत्रो, सहरिया क्षेत्र किशनगंज एवं शाहबाद एवं चार मरूस्थलीय जिलों बीकानेर, बाड़मेर,जैसलमेर एवं जोधपुर के लिए जनसंया न्यूनतम दो हजार तथा अधिकतम चार हजार रखी जा सकेगी। किसी ग्राम के निवासियों की मांग और प्रशासनिक दृष्टि से मौजूदा से दूसरी पंचायत में शामिल किया जा सकेगा। लेकिन, दूरी पंचायत मुयालय से 6 किलोमीटर से ज्यादा नहीं होगी। राज्य के अनुसूचित एवं मरूस्थलीय क्षेत्रों के लिए दूरी के निर्धारण में कलक्टर प्रशासनिक एवं व्यावहारिक दृष्टिकोण से निर्णय कर सकेंगे। किसी भी राजस्व ग्राम को विभाजित कर दो ग्राम पंचायतों में नहीं रखा जाएगा। संपूर्ण राजस्व ग्राम एक ही पंचायत में रहेगा। इसी तरह नवसृजित या पुनर्गठित पंचायत एक ही विधानसभा क्षेत्र में होगी।

पंचायत समिति के लिए ये होंगे नियम

पंचायत समिति 40 या इससे ज्यादा ग्राम पंचायतें या 2 लाख या इससे अधिक आबादी होने पर पुनर्गठन के दायरे में आएंगी। नवसृजन में न्यूनतम 25 ग्राम पंचायतें शामिल होंगी। अधिसूचित अनुसूचित क्षेत्रों, सहरिया क्षेत्र किशनगंज एवं शाहबाद एवं चार मरूस्थलीय जिलों बीकानेर, बाड़मेर,जैसलमेर एवं जोधपुर के लिए 40 एवं उससे अधिक ग्राम पंचायतों की संया तथा डेढ़ लाख या उससे अधिक आबादी वाली पंचायत समितियों का पुनर्गठन किया जाएगा। लेकिन, पुनर्गठित पंचायत समिति में न्यूनतम 20 ग्राम पंचायतें रखी जाएगी। यदि किसी पंचायत समिति में 42 ग्राम पंचायतें हैं तो पुनर्गठन में 25 एक में शामिल होने पर बची 17 ग्राम पंचायतों के साथ करीबी दूसरी पंचायत समिति की आठ पंचायतें जोड़ी जा सकेगी। यह संभव नहीं होने पर नवसृजित पंचायत समिति में 25 से कम ग्राम पंचायतें भी रखी जा सकती है। जन सुविधा और प्रशासनिक दृष्टि से नवसृजित या पुनर्गठित पंचायत समिति में नजदीकी पंचायतों को शामिल किया जा सकेगा। लेकिन, एक ग्राम पंचायत विभाजित कर दो पंचायत समितियों में नहीं रखा जाएगा।

यह रहेगा टाइम फ्रेम

जिला कलक्टर की ओर से नई ग्राम पंचायतों एवं पंचायत समितियों के लिए प्रस्ताव तैयार किया जाएगा 20 जनवरी से 18 फरवरी 2025 तक -राजस्थान पंचायती राज्य अधिनियम 1994 की धारा 101 के तहत तैयार प्रस्तावों को प्रकाशित कर आपत्तियां आमंत्रित करना -20 फरवरी से 21 मार्च 2025 तक -प्राप्त आपत्तियों का निस्तारण करना 23 मार्च से 01 अप्रेल 2025 तक -आपत्ति निस्तारण के बाद प्रस्ताव तैयार कर पंचायती राज विभाग को भिजवाना- 3 अप्रेल से 15 अप्रेल 2025 तक पिछली बार दो बनी थी नई- जिले में पहले 252 ग्राम पंचायतें थी, लेकिन पिछले तीन साल पहले झालरापाटन में बावड़ीखेड़ा व मनोहरथाना नई ग्राम पंचायतें बनी थी। लेकिन इस बार नए नियमों के अनुसार इनकी संया करीब दो दर्जन हो सकती है।